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सिरोही-इस बार दो अमावस्या होने से दीपावली पर्व मनाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस विषय में ज्योतिष और वास्तुविद आचार्य प्रदीप दवे ने बताया कि इस बार 31 अक्टूबर और 1 नवम्बर दो दिन अमावस्या होने से दीपावली दोनों ही दिन मनाई जाएगी, लेकिन लक्ष्मी पूजन और चौपड़ा पूजन 31 अक्टूबर को करना विशेष फलदायक रहेगा।
इस बार कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर को 3.53 बजे से दूसरे दिन 1 नवम्बर को शाम 6.17 बजे तक रहेगी। इसके बाद कार्तिक शुक्ला एकम् (प्रतिपदा) शुरू हो जाएगी। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी पूजन और चौपड़ा पूजन के लिए अमावस्या का होना आवश्यक है। इसलिए 31 अक्टूबर को शाम और रात को लक्ष्मी पूजन और चौपड़ा पूजन करना शुभ रहेगा और 31 अक्टूबर और 1 नवम्बर को दीपावली पर्व मनाना शुभ रहेगा।
1 नवम्बर को लक्ष्मी पूजन किया जाता है तो अमावस्या के स्थान पर एकम् आ जाएगी। जो सही नहीं है क्योंकि लक्ष्मी पूजन के लिए अमावस्या का होना आवश्यक है। इसलिए लक्ष्मी पूजन और चौपड़ा पूजन 31 अक्टूबर को विशेष फलदायक होगा।
क्यों मनाई जाएगी दो दिन दीपावली
इस बार कार्तिक अमावस्या दो दिन है और दोनों प्रदोष व्यापिनी हैं। कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 3.53 बजे से शुरू होकर दूसरे दिन 1 नवम्बर को शाम 6.17 बजे तक रहेगी। इसलिए दीपावली पर्व 31 अक्टूबर और 1 नवम्बर को दोनों दिन मनाया जाएगा।
31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन और चौपड़ा पूजन के श्रेष्ठ मुहुर्त गोधुली प्रदोष वेला शाम 5.28 से 8.16 बजे, वृषभ लग्न शाम 6.44 से 8.40 बजे, लाभ वेला रात 12 से डेढ़ और सिंह लग्न रात 1.11 से 3.27 बजे तक श्रेष्ठ है।
नव कार्य शुभारंभ और बोहनी करने का शुभ मुहुर्त
1 नवम्बर 2024 शुक्रवार को सुबह 8.51 से 10.59 बजे तक और दोपहर 11.59 से 1.44 बजे तक सर्वश्रेष्ठ है। 2 नवम्बर 2024 शनिवार को सुबह 8.14 से 9.36 बजे, दोपहर 11.59 से 12.43 बजे और 1.44 से शाम 4.29 बदे तक नव कार्य शुभारंभ के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहुर्त है। 6 नवम्बर को लाभ-सौभाग्य पंचमी बुधवार का शुभ मुहूर्त सुबह 6.54 से 9.38 बजे, सुबह 10.59 से दोपहर 12.21 बजे, शाम 4.27 से 5.49 बजे तक सर्वश्रेष्ठ है।
दीपावली के बाद बिच्छुड़ा (वीदर)
2 नवम्बर की रात को 11.24 बजे वीदर लागू होगा और 4 नवम्बर को पेटा में रहेगा और 5 नवम्बर को सुबह 9.45 बजे पर उतर जाएगा।