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सिरोही-जिला मुख्यालय पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित विराट त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम में बजरंग दल के क्षेत्रीय संयोजक किशन प्रजापति ने हिंदू युवाओं से संगठित होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में शस्त्रों और शास्त्रों का विशेष महत्व रहा है, जो राष्ट्र, धर्म और समाज की रक्षा के लिए आवश्यक हैं। इस अवसर पर 2100 से अधिक दीक्षार्थियों ने त्रिशूल दीक्षा ली।
प्रजापति ने युवाओं से नशामुक्ति और संस्कारयुक्त जीवन जीने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बजरंग दल समाज में इसी उद्देश्य के लिए कार्यरत है। उन्होंने हिंदू धर्म के इतिहास, मुगल काल के अत्याचार, राम मंदिर निर्माण और वर्तमान समय में धर्मांतरण जैसे विषयों पर चर्चा की। कार्यक्रम में प्रजापति ने धर्म विरोधी ताकतों से सावधान रहने का आह्वान करते हुए कहा कि देश में हिंदू धर्म, गोमाता, मंदिर, साधु-संत और माता-बहनों की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने युवाओं से त्रिशूल दीक्षा के माध्यम से संगठन से जुड़ने और साहसी बनने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने कहा कि जब-जब देश और धर्म पर संकट आया है, हिंदू युवाओं ने अपनी सनातन संस्कृति की रक्षा की है।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वी ऋतंभरा की शिष्या साध्वी समाहिता ने कहा कि हमें समाज की सोई हुई शक्ति को जगाने की जरूरत है। उन्होंने मातृशक्ति को कहा कि सनातन संस्कृति के गौरवमय इतिहास एवं इसकी विशेषताओं से अवगत कराने का कार्य करना होगा। आजकल विचारों के माध्यम से भृमित करने की साजिशें भी खूब चल रही हैं। उन्होंने कहा कि यह भूमि वीरांगनाओं की है शूरवीरों की है यहां की मिट्टी भी शौर्य की कहानी कहती है जिन वीरों ने अपने धर्म के लिए शीश कटा दिए किंतु अपना धर्म नहीं छोड़ा। ऐसी वीरों की भूमि में आज अयोध्या में प्रभु श्री रामचंद्र जी के प्राण प्रतिष्ठा के 1 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित इस आयोजन में बड़ी संख्या में मातृ शक्तियों को देखकर मन गौरवान्वित है उन्होंने कहा कि आज सनातन समाज को जातियों में बांटने का घृणित कार्य किया जा रहा है। इससे हमें सावधान रहने की जरूरत है। कार्यक्रम को महंत तीर्थगिरी, गौ सेवक दलपत पुरोहित ने भी संबोधित किया।
विहिप के जिला सह मीडिया प्रमुख संजय कुमार वर्मा ने बताया कि 2100 से अधिक दीक्षार्थियों ने त्रिशूल दीक्षा ली। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थी। सुबह पंडित विकास दवे, जयेश ओझा, रोहित ओझा व जेमिश व्यास के सान्निध्य में आयोजित श्रीराम महायज्ञ में मंत्रोच्चार के साथ सर्व समाज के यजमानों ने हवन कुंडो में आहुतियां दी। पंडित विकास दवे ने बताया कि त्रिशूल दीक्षा से पूर्व विश्वकल्याण की कामना के साथ ही वेद मंत्रों के साथ यजमानों द्वारा घृत व साकल्य की आहुतियां दी गई।
त्रिशुल दीक्षा में दिलवाई शपथ
मैं संकल्प लेता हूं, कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए यह धर्मशस्त्र धारण कर रहा हूं। मैं इसका कहीं भी कभी भी दुरुपयोग नहीं करूंगा। देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा हेतु, धर्मांतरण, गोवंश हत्या, लव जिहाद आदि अधर्म कृत रोकने के लिए कटिबद्ध रहूंगा।
कार्यक्रम से पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर त्रिशूल दीक्षा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विहिप के विभाग मंत्री शिवलाल सुथार, जिला मंत्री लक्ष्मण रावल, बजरंग दल के प्रात संयोजक विक्रम परिहार, प्रांत सहधर्ताचार्यप्रमुख कन्हैयालाल पुरोहित, जिला संयोजक कैलाश सिंदल, हिमाशु पुरोहित, कपील त्रिवेदी, विक्रमसिंह सोलंकी, प्रशांतसिंह, राजेन्द्रसिंह, मदनलाल सेन, माणक प्रजापत, प्रकाश सैन, मोंटूसिंह, पिंकी राजपुरोहित, इंदिरा खत्री, रंजन बहन सहित कई कार्यकर्ता एवं विशाल जन समूह उपस्थित थे।

