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सिरोही-श्री अनूप मंडल ने ‘पृथ्वी बचाओ अभियान’ के तहत गुरुवार को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सिरोही तहसीलदार को सौंपा। यह ज्ञापन जल, जमीन और जीवों के न्याय की पुकार के लिए दिया गया, जिसके लिए मंडल पिछले 16 वर्षों से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहा है।
जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के पास अनूप मंडल सेवा संस्थान का धरना 5647 दिनों से जारी है। इसी क्रम में गुरुवार दोपहर अनूप दास की झोपड़ी, कोतवाली के पास से एक जुलूस निकाला गया। यह जुलूस शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया गया कि संसार रोग, बीमारी, भूकंप, सुनामी, जलवायु परिवर्तन, अतिवृष्टि, अनावृष्टि, सूर्य-चंद्र ग्रहण, समुद्र के पानी का खारा होना और ज्वालामुखी फटने जैसे प्राकृतिक प्रकोपों से जूझ रहा है। इसके अतिरिक्त, जीव हत्या, आतंकवाद, नक्सलवाद, जातिवाद, सीमावाद और प्रकृति के अत्यधिक दोहन जैसी मानवीय समस्याओं से भी पूरा जीव जगत दुखी है।
मंडल का कहना है कि इन समस्याओं से निपटने के लिए विभिन्न देशों की सरकारें, धार्मिक संस्थाएं और गैर-सरकारी संगठन काम कर रहे हैं, लेकिन वे मूल कारणों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे संपूर्ण समाधान संभव नहीं हो पा रहा है। ज्ञापन में साधु श्री संत अनूप दास जी स्वामी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक ‘जगत हितकारिणी’ में इन ‘कलयुगी’ व्यवस्थाओं के कारण और उनके उपायों का उल्लेख किया गया है।
ज्ञापन में धर्म की आड़ में हो रहे आडंबरों, अंधविश्वासों और मूर्ति पूजा की आलोचना की गई है, जिसके कारण मानव समाज इन समस्याओं के लिए ईश्वर को दोषी मानता है। मंडल ने सरकार और देश के सर्वोच्च सत्ताधीशों से गुजारिश की है कि ‘जगत हितकारिणी’ में लिखित मजमून की उच्च आयोग द्वारा विश्व नियमों पर जांच करवाई जाए, ताकि संसार में सुख-शांति, समृद्धि, सौहार्द और सद्भावना बनी रहे।
