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सीकर . शारदीय नवरात्र पर घट स्थापना के समय इस बार पूरे दिन हस्त नक्षत्र में शुभ संयोग रहेगा। वहीं तृतीया तिथि की वृद्धि से नवरात्र दस दिन के होंगे। नवरात्र में राजस्थान की प्रसिद्ध शाकम्भरी, जमवाता माता, जीण माता व मनसा माता सहित सभी शक्ति मंदिरों में भक्ति के कार्यक्रम होंगे। वहीं इसी दिन से मार्केट में फेस्टिवल सीजन की शुरुआत हो जाएगी। जयपुर, सीकर समेत प्रदेश के सभी बाजारों को बूस्टर डोज मिलेगा। व्यापारियों ने भी नवरात्र के लिए अभी से तैयारियां शुरू की दी है। नए मॉडल के वाहन, गहने, कपड़े, पेंट, डेकोरेशन का सामान मंगलवा लिया है। शोरूम में विशेष सजावट शुरू हो गई है।
तृतीया तिथि की वृद्धि, इस बार दस दिन के होंगे नवरात्र
पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि हर बार नवरात्र स्थापना पर चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग रहता है, जो कि घट स्थापना में टाला जाता है। लेकिन इस बार कन्या राशि में चतुर्ग्रही योग बनेगा। जिसमें बुध, सूर्य, केतु और चंद्रमा विराजमान रहेंगे। इसके अलावा कन्या राशि में सूर्य बुध से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। साथ ही शुक्र और राहु ग्रह के बीच षडाष्टक योग भी बनेगा। मिश्रा ने बताया कि अश्विन शुक्ल प्रतिपदा से हर वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है। इस बार आश्विन शुक्ल प्रतिपदा 3 अक्टूबर गुरुवार को है, इस दिन हस्त नक्षत्र में नवरात्र शुरू होंगे। कन्या राशि का चंद्रमा रहेगा वह भी शुभदायक है।
नवरात्र पूरे दस दिनों के होंगे। 12 अक्टूबर को महानवमी के साथ नवरात्र पूर्ण होंगे, इसी दिन दशहरा भी मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्रों में इस बार तृतीया तिथि की वृद्धि हुई है । तृतीया तिथि शनिवार और रविवार दो दिन रहेगी। इससे नवरात्र 10 दिन के हो गए हैं लेकिन महानवमी शनिवार 12 अक्टूबर को सुबह 11:00 बजे तक रहेगी उसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। शाम को प्रदोष वेला में दशमी होने से दशहरा 12 अक्टूबर शनिवार को ही मनाया जाएगा। नवरात्र में तिथि वृद्धि होना शुभ फलदायक माना गया है ।शास्त्रों में मान्यता है कि बढ़ा हुआ नवरात्र शुभ समृद्धि लाता है।
सर्वश्रेष्ठ समय: प्रात: काल 6 बजकर 24 मिनट 8 बजकर 45 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक।
चौघड़िया मुहूर्त: शुभ का चौघड़िया प्रात: 6 बजकर 24 मिनट से 7 बजकर 52 मिनट तक।
चर, लाभ व अमृत के चौघड़िये: दिन के 10 बजकर 48 मिनट से दोपहर 3 बजकर 12 मिनट तक.