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सीकर-प्रदेश में कांग्रेस सरकार की फिर एक योजना का नाम बदलने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। चर्चा है कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की योग्यता को जांचने वाली कांग्रेस सरकार की आरकेएसएमबीके (राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम) योजना अब मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान कहलाएगी (एमएसआरए)।
शिक्षा विभागीय परीक्षा पंजीयक के डाइट प्राचार्यों को लिखे एक पत्र के बाद चर्चाओं ने ज्यादा जोर पकड़ा है। जिसमें पंजीयक नरेंद्र सोनी ने मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान के तहत कक्षा तीन से आठ तक के विद्यार्थियों की एस-1 (योगात्मक आकलन) जनवरी महीने में प्रस्तावित बताते हुए संबंधित सूचनाएं मांगी है। अब चूंकि इन कक्षाओं की ये परीक्षा 2022 से गहलोत सरकार की आरकेएसएमबीके योजना के तहत ही होती रही है। ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने पूर्व गहलोत सरकार की फिर एक योजना का नाम बदल दिया है।
कोरोना काल की भरपाई के लिए थी योजना
आरकेएसएमबीके योजना गहलोत सरकार ने 2022 में रेमेडिएशन के रूप में शुरू की थी। इसका उद्देश्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों की कोरोना काल में प्रभावित हुई पढ़ाई की भरपाई करना था। योजना के तहत कक्षा तीन से आठ तक के कमजोर विद्यार्थियों की हिंदी, अंग्रेजी व गणित विषय की अतिरिक्त तैयारी करवाना था। इसी योजना का नाम अब बदल दिया गया है।
मेरे पास आरकेएसएमबीके योजना का नाम बदले जाने की कोई जानकारी नहीं है। उच्च अधिकारी ही इस संबंध में कुछ बता सकते हैं।
किरण सैनी, डाइट प्राचार्य, सीकर
योजना बंद करने की उठी थी मांग: आरकेएसएमबीके को बंद करने की मांग भी विभिन्न शिक्षक संगठन कर रहे थे। शिक्षक संगठनों का तर्क था कि इससे स्कूलों में वार्षिक परीक्षा की पढ़ाई प्रभावित होती है। प्रदेश में सरकार बदलने के साथ शिक्षक संगठनों में योजना बंद करने की उमीद भी थी। पर बंद की बजाय केवल योजना का नाम बदलने पर उनकी उम्मीद काफूर हो गई।