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रिपोर्ट डीके देवासी
काम्बेश्वर महादेव मंदिर व धर्मशालाओं के पास जंगलों में वन्यजीवों केलिए अभिशाप बना प्लास्टिक,विकराल होती जा रही समस्या प्लास्टिक वनों में भी वन्यजीवों को प्रभावित कर रहा है
उपखण्ड शिवगंज क्षेत्र काम्बेश्वर महादेव मंदिर पर धर्मशालाओं के आगे छोटे छोटे मंदिरों के आगे रास्ते पर दुनिया भर में प्लास्टिक रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल हो चुका है इसने इंसानों केलिए कई मायनों में सुविधाएं बढ़ाई है चिंता की बात यह है कि अपनी सुविधा बढ़ाने के चक्कर में इंसानों ने खुद को तो मुसीबत में डाल ही लिया है जंगलों मे भी जगह जगहों पर इंसानों की लापरवाही का हर्जाना वन्यजीवों को भी भुगतना पड़ रहा है यह स्थिति तब वन वन्य जीव सामने आए,जब मे काम्बेश्वर महादेव मंदिर जा रहा था न्यूज़ रिपोर्टर डीके देवासी तब विभिन्न क्षेत्रों में वन्यजीवों के सामने खाते हुए देखा इस दौरान उनके कदम उठाया संरक्षित क्षेत्र तक पहुंच से बढ़ रही परेशानी जंगलों के आसपास मै संरक्षित क्षेत्र तक भी प्लास्टिक के पहुंचने से वन्यजीवों की परेशानी बढ़ती हुई दिखाई दे रही है इसके पीछे की वजह कोई ध्यान नही दे रहे
ट्रस्टी,और वन विभाग के क्षेत्र से गुजरने वाले तमाम गावों रोड के कनेक्टिविटी कर रहा है शिवगंज, कोलर, बादला, सुमेरपुर,से कोठार, बेडा, चामुंडेरी, वेलार, और फिर आम लोगों की सुविधा केलिए रोड कनेक्टिविटी दी गई है इसके अलावा कुछ जगहों पर जंगलों के बीच से गुजरने वाली ग्रेवल रास्तों में लोगों की गतिविधियों के दौरान भी इसी तरह लोंग एन्जॉय करने आते हुए प्लास्टिक जंगलों के आसपास पहुंच रहा है वन्यजीवों के शरीर में जा रहे प्लास्टिक से जिम्मेदार भी हैरान:वन क्षेत्रों में वन्यजीवों की मृत्यु के बाद मालूम हुआ वन्यजीवों की गतिविधियां हो रही प्रभावित:जिस तरह वन क्षेत्र या इसके आसपास इंसानों द्वारा खाद्य पदार्थ फेंका जा रहा है, उसे जंगलों में वन्यजीवों की गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं ऐसा इसलिए क्योंकि एक तरफ खाद्य पदार्थ की सुगंध पाकर तमाम वन्यजीव जंगलों के बाहर या आसपास पहुंच रहे हैं तो वहीं इन वन्यजीवों को खाने वाले शिकारी वन्यजीव भी इनके पीछे जंगलों से बाहर निकल रहे हैं. इस तरह देखा जाए तो इंसानों की यह लापरवाही वन्यजीवों की गतिविधियों को भी प्रभावित कर रही है और उन्हें प्लास्टिक के दुष्प्रभावों की तरफ भी धकेल रही है जिसके लिए वन विभाग ध्यान कोई नही कर रहा है कि जो वन्यजीव वेस्ट डिस्पोजल को खाने केलिए जंगलों से बाहर निकलते हैं उनके पीछे शिकारी जीव भी पहुंच रहे हैं इस तरह देखा जाए तो वन क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए वेस्ट डिस्पोजल एक गंभीर समस्या है.
वाइल्डलाइफ, वन विभाग
मानव वन्यजीव संघर्ष की बढ़ रही घटनाएं. वनों के आसपास रहने वाले लोग भी जंगलों के किनारे घर का कचरा और खाद्य पदार्थ फेंक रहे हैं और इसके कारण कई जगहों पर तमाम वन्यजीवों के साथ भालू जैसा शिकारी वन्यजीव भी इस कचरे की तरफ खींचा आ रहा है इसके अलावा हिरण, लोमड़ी, सांभर जैसे वन्यजीव भी जंगलों के बाहर निकल रहे हैं और उनके पीछे तेंदुआ और भी मंदिरों इंसानी बस्तियों की तरफ बढ़ रहे हैं इंसानों की यही आदत मानव वन्यजीव संघर्ष केलिए भी बड़ा कारण बन रही है

