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पिन्टू अग्रवाल चामुंडेरी बाली
बाली उपखंड के सेवाड़ी गांव में रामसा पीर के परम उपासक प्रख्यात संत तारा महाराज हुए देवलोक सेवाड़ी के वार्ड पंच सोहनलाल मोबारसा व दिनेश कुमार मेघवाल वार्ड पंच आमलिया ने जानकारी देते हुए बताया कि तारा महाराज के संत बनने से पूर्व उनका नाम ताराराम भाटी था जिनकी परिजनों ने शादी भी करवा दी थी परंतु ताराराम भाटी का बाबा रामसापीर की भक्ति में सदैव लीन रहने के चलते इन्होंने शादी के कुछ साल बाद बाबा की भक्ति में समायोजित हो गए थे उसके बाद इन्हें ढालोप के रघुनाथ पीर गाधिपति के पास ले जाया गया जहां गाधीपति महाराज ने ताराराम भाटी को तारा महाराज की उपाधि देकर उनको संत की उपमा प्रदान की संत के रूप में तारा महाराज सदैव वन्य जीव पशु पक्षियों के साथ बाबा रामदेव जी की आराधना में लीन रहते हुए इन्होंने सरडी सेवाड़ी वाया गुड़ा सिरवियान स्थित रोड पर एक आश्रम की स्थापना की जहां तारा महाराज ने रामसापीर का मंदिर का निर्माण भी करवाया
तारा महाराज की सदैव रामसापीर के प्रति श्रद्धा भक्ति के चलते उनका आशीर्वाद सदैव आने वाले श्रद्धालु पीड़ित यात्री को मंगल में होता था वही तारा महाराज द्वारा किसी भी बीमार अस्वस्थ व्यक्ति झाड़ा लगवाने जाता था तो इनके संत वचनों से निस्वार्थ वह व्यक्ति ठीक होता था
इसी के चलते तारा महाराज का नाम क्षेत्र में परिचय का मोहताज नहीं था एक संत के रूप में तारा महाराज का नाम भक्तों के लिए आदरपूर्वक लिया जाने वाला नाम था तारा महाराज के देवलोक होने की सूचना मिलते ही क्षेत्र के भक्त जनों ने सेवाड़ी पहुंचकर तारा महाराज के अंतिम वरघोड़े में भाग लेकर गुलालों की बौछार करते हुए रामसा पीर व तारा महाराज के जयकारों के साथ उनको उनके आश्रम पर समाधि दी गई इस दौरान सेवाड़ी क्षेत्र में आज श्रद्धालुओं का मेला सा नजर आया
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