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नटवर मेवाड़ा
सांडेराव-सिन्दरु क्षेत्र में परवान पर चढ़ा गरबा महोत्सव,शाम ढलते ही गरबा पांडालो में उमड़ती है भीड़, डीजे की धमचक पर बजते गुजराती गरबा,आर्केस्ट्रा वालों की ओर से गरबों की प्रस्तुतियों पर खनकाए उल्लास के डांडिया
साण्डेराव- स्थानिय नगर सहित आस पास ग्रामीण क्षेत्रों में घट स्थापना से शुरू हुए गरबा महोत्सव की धूम मची हुई है,यहां रंग-बिरंगी रोशनी के साथ फुलमालाओ से माता के देवरे तथा गरबा पांडालो को आकर्षण रूप से सजाएं गएं हैं। शाम होते ही गांवों के गली-मोहल्लों से युवा-युवतियों की टोली सज-धज कर हांथो में डांडिया लेकर माता के दरबार में आराधना करने पहुंच रहें है। जहां गुजराती गीतों की सरगम पर बड़े ही उल्लास के साथ युवा-युवतियों द्वारा पांडालो में गरबा नृत्य किया जा रहा है।यहां पर गरबा नृत्य को देखने के लिए आस पास ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित ग्रामीणजन पहुंच रहें है। सिंदरू गाँव में पिछले लंबे समय से नवयुवक मंडल के बैनर तले गरबा महोत्सव का आयोजन हों रहा है अब 43 वीं वर्षगांठ पर मंडल अध्यक्ष अर्जुन सिंह के नेतृत्व में चल रहे गरबा महोत्सव में श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ रही है।नगर के गरबा चौक में स्थित अम्बे माता मंदिर परिसर में अंबेमाता गरबा मित्र मंडल के सानिध्य में गरबा महोत्सव की धूम मची हुई है।
सिंदरू में मण्डल के कार्यकर्ता ही संभालते हैं पूरी व्यवस्था
सिंदरू गांव के खेड़ा देवी मंदिर परिसर में चल रहे गरबा महोत्सव में पूरी तरह से सभी व्यवस्थाओं को मंडल के सदस्य ही संभालते हैं।
यहां पर राजस्थानी पोशाकों में बिना अंग प्रदर्शन के मर्यादाओं में रहते हुए हों रहें गरबा नृत्य
नवयुवक मंडल के तत्वावधान में यहां महिलाओं व पुरूषों के बैठने को लेकर अलग अलग व्यवस्था की हुई है तथा पांडाल में भी पहले छोटे बच्चे फिर छोटी बच्चियों के बाद युवाओं का गरबा तथा उसके बाद युवतियों के महिलाओं का सामुहिक गरबा नृत्य बड़ा ही शानदार तरीके से होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर कोई भी युवती या महिला अंग प्रदर्शन वाले वस्त्र धारण कर नहीं आ सकतीं हैं सभी मर्यादित पोशाकों में सज धजकर मां अम्बे की आराधना करती भक्ति में मग्न होकर गरबा नृत्य करती है। 41 वर्षों से चल रही यहां की व्यवस्था को देखते हुए हर कोई इस आयोजन में सिर्फ व सिर्फ भक्ति की भावना से ही भाग लेता हैं।
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सिंदरू में मां अंबे की आराधना के साथ ही गरबा महोत्सव पूरे योवन के साथ,रंग-बिरंगीरोशनी से जगमगाते पांडाल में विराजमान देवी की प्रतिमा, डीजे के साथ आर्केस्ट्रा वालों की धमचक पर बजते गुजराती गरबा और डांडियों की खनक के साथ लय और ताल से गरबा खेलते सजे-धजे युवक-युवतियां और बच्चे।यही नजारा इन दिनो हर किसी को सिंदरू आने के लिए लालायित कर रहा है,नवरात्रि महोत्सव के दौरान होने वाले गरबा आयोजन में शाम ढलते ही जैसे ही गरबा पांडालों में गुजराती गीतों की आवाजें सुनाई देने लगती है वैसे ही नृत्य करने वाले सज-धज कर पांडालों की ओर रवाना हो जाते हैं यहां पर देर रात तक रौनक नजर आती है। आकदड़ा गांव में जगदंबा नवयुवक मंडल के तत्वावधान में शारदीय नवरात्रा महोत्सव में गरबा नृत्य अब पूरे यौवन पर चल रहा है।
यहां गरबा महोत्सव के संयोजक शिवपाल सिंह राणावत के साथ सुरेश कुमार,गौतम टांक,हितेश लुहार,चन्द्र शिव रोतागण, गजेन्द्र राजपुरोहित व उनकी पूरी टीम आयोजन कों सफल बनाने में जुटी हुई है।