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नटवर मेवाड़ा
पाली। साण्डेराव रोडवेज बस स्टैंड पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव, उड़ती धूल से यात्री हों रहें हैं परेशान, प्रतिक्षालय भवन हों रहा है जर्जर,कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा।पुर्व में छज्जे का प्लास्टर गिरने से दो छात्राएं हुई थी घायल।
पाली जिले में सांडेराव रोडवेज बसों का जंक्शन कहलाने वाले साण्डेराव रोडवेज बस स्टैंड पर यात्रियों के बैठने के लिए वर्षो पहले बना प्रतिक्षालय भवन वर्तमान में पूरी तरह से जर्जर हालात में है, पूर्व में भी यहां छज्जे से प्लास्टर गिरने से दो छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो चुकी है जबकि रोडवेज प्रबंधक की और से अब तक किसी भी तरह का भवन की मरम्मत कार्य नहीं करवाया गया है जिससे हर समय हादसा होने का भय बना रहता है। बस स्टैंड परिसर में सुविधाओं के अभाव से दूर दराज से पहुंचने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बस स्टैंड परिसर के अंदर बनीं सीसी सड़क पुर्णतया क्षतिग्रस्त हो चुकी है सड़क मार्ग पर बड़े बड़े गड्ढें हो गये हैं,साफ सफाई की कोई व्यवस्था नहीं होने से चारों तरफ गन्दगी फैली रहती है।
बुकिंग कार्यालय हर समय बंद ही मिलता है और रात्रिकालीन बुकिंग व्यवस्था तो पुर्ण रूप से बन्द है।जबकि यहां रोजाना सैकड़ों बसों का आवागमन होता है।
मारवाड़-गोडवाड़ क्षेत्र में हर आमजन के साथ आने जाने वाले हर यात्रियों के लिए यह एक जंक्शन स्टेशन हैं जहां से चारों ओर की यात्रा करने के लिए यहां से बसें उपलब्ध रहती थी।पाली,जालोर, सिरोही, आबुरोड,जोधपुर,बिकानेर, उदयपुर,भीलवाड़ा,राजसमंद रोडवेज डिपो में बसों की कमी के बाद ज्यादातर बसें बंद कर दी गई थी मगर अब नई बसें आ जाने के बाद भी रोडवेज के अधिकारियों ने ज्यादातर रूट पर रोडवेज बसों का आवागमन बंद कर दिया गया है जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।
खस्ताहाल सड़क, उड़ती है धूल,,,,,,,
रोडवेज बस स्टैंड परिसर की सड़क लम्बे समय से खस्ताहाल होने से यहां दिन भर धूल उड़ती रहती है। रोडवेज बसों के गुजरते ही पीछे से धूल के गुब्बारे उड़ते हैं जिससे यात्रियों के साथ उन्हें बसों में बिठाने आएं परिजन को भी काफी परेशानियों से गुजरना पड़ता है।बारिश के दिनों में यहां के हालात और भी ज्यादा खराब हो जाते हैं पूरे परिसर में कीचड़ पसरा रहता है। यहां पर रोडवेज बसों के आवागमन के दौरान उड़ती धूल के कारण यहा बैठना भी दुश्वार है अधिकांश यात्रीगणों के साथ दुकानदार मुंह पर रूमाल लगा कर बैठे नजर आते हैं। मंहगाई के दौर में अधिक किराया देने के बावजूद भी इस तरह से उड़ते धूल के गुब्बारों से यहां के दुकानदारों को बनाया गया ताजा नाश्ता व अन्य खाद्य पदार्थों को पूरी तरह से ढक कर रखना पड़ता हैं।
रोडवेज बस स्टैंड पर उड़ती धूल से यात्रियों सहित हर आमजन है परेशान-
रोडवेज बस स्टैंड परिसर में सड़क भी खस्ता हालत में है, बुकिंग काउंटर पूरी तरह से बंद रहते हैं और रात्रि कालीन रोडवेज बसें सीधे-सीधे हाईवे से या फिर बाहर से ही निकल जाती है जिससे बस स्टैंड परिसर में बैठे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं,परिसर में हर रोज सैकड़ों यात्रियों का आवागमन होता है जबकि यहां पर यात्रियों को प्यास बुझाने के नि:शुल्क पेयजल सुविधा उपलब्ध नहीं है, भामाशाह परिवार द्वारा बनाई गई प्याऊ भी ज्यादातर बंद रहतीं हैं कहीं बार पानी की मोटर खराब हो जाने से महिनों भर यह प्याऊ बंद रहतीं हैं।