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नटवर मेवाडा
सांडेराव-मातृभूमि से बढ़कर कोई सेवा नहीं- विराग मधु मालती, जंगल पहाड़ो और पृथ्वी को हरा भरा बनाने के लिए हमें एकजुट होकर बड़ी पहल करने की जरूरत है-विराग मधु मालती, पर्यावरण प्रेमी विराग मधुमालती और उनकी धर्मपत्नी वंदना व उसकी टीम के साण्डेराव पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत
साण्डेराव- पृथ्वी पर बढ़ते प्रदूषण के विरुद्ध एक मिशन के रूप में ग्लोबल को बचाने के लिए विराग मधुमालती जो एक पर्यावरण प्रेमी है मुंबई से नाकोड़ा की 1200 किलोमीटर की पदयात्रा हाथों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को लेकर आज बुधवार सुबह गंगा वेरी चौराहे व अम्बिका मंदिर परिसर में पहुंचने पर मारवाड़-गोडवाड़ जन कल्याण सेवा समिति अध्यक्ष जयदेव सिंह राणावत, मेवाड़ा क्षत्रिय कलाल समाज के राष्ट्रीय प्रचारक नटवर मेवाड़ा साण्डेराव,विक्रम मेवाड़ा, महावीर मेवाड़ा,केशर सिंह मेवाड़ा सहित ग्रामीणों ने मारवाड़ी परंपरा के अनुसार साफ़ा व माल्यार्पण करते हुए शानदार तरीके से स्वागत किया।उनके साथ उनकी धर्मपत्नी वंदना को पूजा मेवाड़ा सहित महिलाओं ने चुनरी ओढ़ाकर माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया।
लाकेश मेवाड़ा,पिंटू भाई कामदार ने गजानंद मंदिर पर सभी पर्यावरण प्रेमियों को भी माल्यार्पण करके उनका स्वागत कर अभिनंदन किया गया। उपस्थित मेवाड़ा परिवार के सदस्यों ने सभी का अभिनन्दन किया।इस दौरान जयदेव सिंह राणावत ने कहा कि मारवाड़ क्षेत्र में भी महान क्रांतिकारी युवा है जो मानवता के लिए और पर्यावरण के लिए इतना बड़ा मिशन करके बड़ी पहल की है उससे साण्डेराव सहित आस-पास ग्रामीण क्षेत्रों में भी मानवता को भी जागरूक होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।पर्यावरण प्रेमी चिराग मधुमालती ने मारवाड़ी स्वागत से बहुत ही खुशी का इजहार करते हुए कहा बहुत खुशी हुई कि आज हमारा अभिनंदन मारवाड़ की वीर योद्धाओं की धरा पर हमारा सम्मान होने से बहुत ही अच्छा लगा।उन्होंने कहा कि आज हमें ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण को बचाने और अपने जंगल पहाड़ को हरा भरा रखने के लिए कृषि विज्ञान को मजबूत बढ़ावा देना है। इसमें हर आम नागरिक को कंधे से कंधा मिलाकर इस मिशन में जुड़कर अपना कर्तव्य इस मातृभूमि के लिए जरूर समर्पित करने की जरूरत है।किसान देश का अन्नदाता है पूरे देश का पेट पालता है,उसको सक्षम मजबूत बनाकर कृषि विज्ञान को भी ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने में क्षेत्र में भी किसान आर्थिक रूप से भी मजबूत बनेंगे और पर्यावरण को बचाने के लिए भी एक बड़े परिवार की तरह आगे आए और अपने क्षेत्र में प्लास्टिक की रोकथाम एक अभियान की तरह करके अपनी मातृभूमि को हरियाली की चादर ओढ़ाकर बड़े सम्मान कि इस ग्लोबल के लिए महत्वपूर्ण योगदान देकर मानवता को प्रदूषण जैसी घातक बीमारियों से बचाने के लिए मानवता की सेवा में एकमात्र जनसेवा ही लक्ष्य के रूप में हमेशा अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे। यहां उपस्थित महिलाओं ने भी वंदना का माल्यार्पण करके अभिनंदन किया गया वंदना ने कहा
वह बहुत ही भाग्यशाली है जो उनको भी इस मिशन के लिए अपने पति पर्यावरण प्रेमी विराग मधुमालती
के साथ इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभाने का शानदार अवसर मिला वह हमेशा उनके साथ एक सच्चे जीवनसाथी की तरह हमेशा ही मानवता और पर्यावरण के लिए साथ निभाते रहेंगी,मुंबई से उनकी टीम के बड़ी संख्या में
उनके साथ मंजू, मंगल प्रभात लोढ़ा,मिराज ग्रुप,अर्जुन सिंघवी,नितीन बोरवणकर, राजेंद्र कोठारी,अमृतलाल खाटेड,सतीश टोटे,सुरेंद्र कोठारी,पुष्पाजी कटारिया, रोशनलाल मेहता,मघराज धाकड़,माणक धिंग,रिंपल भावेश पारेख,गौरव मेहता, राहुल सोनावने,राजेंद्र बोलिया, अरविंद कोठारी,गणपत डागलिया,महेंद्र चोरड़िया, मुकेश बडोला,चांदमल कछारा, सुनील राठौड़,रमेश सोनी, मनोज जैन,नरेश सोनी दिनेश पारेख,देवेंद्र बोहरा,अणुव्रत समिति,अणुव्रत विश्व भारती,सी. के. लाडला भैरू परिवार, लॉयंस क्लब,आदि जुड़े हुए है।
स्वागत करने वाली महिलाओं का धन्यवाद आभार व्यक्त किया।भारत माता की जय कारे लगाते हुए पर्यावरण प्रेमी का काफिला गांव के मुख्य मार्गों से होते हुए बस स्टैंड बाबा रामदेव मंदिर पहुंचे जहां से नाकोड़ा भैरव मंदिर की ओर प्रस्थान कर गया।
इंजीनियर गायक लेखक एवं पांच बार गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कर चुके विराट मधुमालती 15 सितंबर से नवी मुंबई से निकले हैं 14 दिसंबर को 1300 किलोमीटर की तीर्थ ग्रीन पदयात्रा करके नाकोड़ा जी पहुंच जाएंगे साथ में उनकी पत्नी वंदनाजी और टीम लेकर जा रहे हैं। सुबह शाम चलते हैं जहां पर जगह हो पेड़ लगाने लग जाते हैं इनके द्वारा जहां भी रुकते हैं वहां पर संगीत के माध्यम से लोगों को पौधों की प्रति जागरूकता का संदेश फैला रहे हैं। नगर के राजकीय महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल सांडेराव में प्रधानाचार्य कपूर चंद परिहार, युवा पत्रकार महावीर मेवाड़ा की मौजूदगी में बच्चों के साथ स्कूल की चारदीवारी में पौधारोपण किया गया।