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नटवर मेवाड़ा
रक्षाबंधन का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है,नारी के सौभाग्य का प्रतीक है रक्षासूत्र :-हिरापुरी।
*साण्डेराव-* श्रावण मास की पुर्णिमा एवं रक्षाबंधन त्यौहार की महता बताते हुए संत श्री मनसुख हिरापुरी महाराज ने कहा कि हमारी पुरातन वैदिक संस्कृति में रक्षाबंधन का विशेष महत्व रहा है।
वर्ष भर में एक बार बहन अपने भाई के हाथ पर अगर रक्षासूत्र बांध दिया जाता है तो वह पूरे वर्ष भर कवच का काम करता है। वें अम्बिका मंदिर परिसर में चल रहे चातुर्मास के दौरान मंगलवार को उपस्थित धर्म सभा में प्रवचन दे रहे थे उन्होंने कहा कि रक्षा बंधन भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक है।इस पर्व का भारतीय संस्कृति में महत्वपुर्ण स्थान है। संत ने रावण और राजा बलि के जीवन का वृतांत बताते हुए कहा कि राजा बलि बडा दान वीर था, जो भी उसके द्वार आता वह खाली हाथ नही जाता। संत हिरापुरी ने कहा कि पुत्री दो कुल को पवित्र करती है।
आज हमारे समाज में पुत्री होने पर चिंता करते है।कई दुष्ट तो पुत्री को गर्भ में ही मरवा देते है।भ्रूण हत्या बहुत बडा पाप है। इससे हमें बचना चाहिए और आज के दिन यहा से शपथ लेकर जाए कि हम भ्रूण हत्या नही करेंगे। जब बहन भाई को राखी बांधती है तो सभी भईयों को संकल्प लेना चाहिए कि वह अपनी बहन की हमेशा रक्षा करेगे। बहन ने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर लम्बी दीर्घायु उम्र का कामनाएं की। इस दौरान दूर दराज से पहुंची महिला मण्डली ने गणपति वंदना व गुरु वंदना के बाद एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुतियां देकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त गण उपस्थित थे।