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नटवर मेवाडा
सांडेराव-प्रयागराज महाकुंभ से लौटे भाचुदा भाद्रराज माताजी के मंहत वागभारती महाराज देवलोक गमन,श्रद्धालुओं की आंखे हुईं नम,गाजों बाजों के साथ मंहत कों दी अंतिम विदाई।
साण्डेराव-निकटवर्ती भाचुदा गांव में भाद्ररज माता जी मन्दिर के मंहत वागभारती जी महाराज के देवलोक गमन होने के समाचार सुनते ही आस-पास ग्रामीण क्षेत्रों सहित मारवाड़-गोडवाड़ में उनके गुरु भक्तों के साथ श्रृद्धालुओं में शोक लहर छा गई। यहां पर हर किसी की आंखों में अश्रु धारा बह रह थी। मंहत वागभारती जी महाराज पिछले 12 वर्षो से भाचुदा गांव में स्थित भाद्रराज माताजी मंदिर में पूजा अर्चना कर अपनी भक्ति कर रहे थे। वें कुछ दिनों पहले प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर शाही स्नान कर शनिवार को भाचुदा लौटे थे,रविवार सुबह की पुजा-अर्चना कर विश्राम कर रहे थे कि अचानक दोपहर में उन्होंने अंतिम सांस लेते हुए देवलोक गमन हों गए।
साधु-संतों की मौजूदगी में उनकी अंतिम शोभा यात्रा निकाली गई, महंतों के रिती रिवाज से संत को दीं समाधी।
भाचुदा गांव में माताजी मंदिर के मंहत वागभारती जी महाराज महाकुंभ प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर शाही स्नान करने के बाद शनिवार को भाचुदा आश्रम में पहुंचे जहां रविवार दोपहर देवलोक गमन होने के बाद गांव के मुखिया भीखसिंह जोधा,श्याम सिंह जोधा,गणपत सिंह जोधा, कंवला मठ के मठाधीश हरी पुरीजी महाराज,तलवाड़ा के संत देवनाथ महाराज, बिलाड़ा के के मंहत अर्जुन दास महाराज,पावा गांव से पिया नाथ महाराज सहित पाली, जालोर, सिरोही,जोधपुर से पहुंचे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी में संत महात्माओं ने संतों के रिती रिवाज से महंत वागभारती जी महाराज को समाधी दी गईं।
गाजों बाजों के साथ निकली अंतिम शोभा यात्रा,श्रद्धालुओं ने रंग बिरंगी गुलाल उड़ाते हुए पुष्प वर्षा कर किया स्वागत-
भाचुदा गांव में स्थित भाद्रराज माताजी मंदिर के मंहत वाग भारती जी महाराज के देवगमन हो जाने के बाद सोमवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में महंत के शव को एक पालकी में सजाकर बैण्ड बाजों व ढोल नगाड़ों के साथ महाराज के जैकारे लगाते हुए भाद्रराज माताजी मंदिर से पैणावास रोड़,पिछोला नाड़ा, पाबूजी नाड़ा से बड़गांव रोड़ तक करीब पांच किलोमीटर तक मंहत की अंतिम शोभा यात्रा निकाली गई।अंतिम शोभा यात्रा में ग्रामीण महिलाएं भजन कीर्तन करती हुई भक्ति में मग्न नाचती गाती हुई तो युवक-युवतियां मंहत के जैकारे लगाते हुए चल रहे थें। गांव के हर गली-मोहल्लों में श्रद्धालुओं द्वारा रंग-बिरंगी गुलाल उड़ाते हुए पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।