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नटवर मेवाडा
सांडेराव हाइवे पर जातरुओं की मनुहार :- आओ सा… थाक गिया…थोड़ो करल्यो आराम भादव माह में पदयात्रियों के लिए भंडारे की होड़,चौबीस घंटे सेवा सुविधाएं उपलब्ध, हाइवे पर रामदेवरा जाने वाले पदयात्रियों की रेलमपेल
*साण्डेराव।* हमारी संस्कृति भी अजीबोगरीब है,साल के 365 दिन पर्व-त्योहार के चलते समय बीतने का पता ही नहीं चलता।सावन-भादव माह में धर्म-कर्म को लेकर श्रद्धालुओं में होड़ सी मची रहती है। कावड़ यात्रा व भोले के जलाभिषेक के बाद अब बाबा रामदेवरा पदयात्रा को लेकर जातरुओं में खासा उत्साह है।यहां फोरलेन हाइवे पर इन दिनों पदयात्रियों के जत्थे तडक़े से देर रात तक भजनों और जयकारों की गूंज के साथ आगे बढ़ रहे हैं।इन पदयात्रियों की सेवा के लिए जगह-जगह भंडारे लगे हुए जहां पर चाय-नाश्ता, खाना और उपचार की सुविधाएं हैं।पदयात्रियों में थकान है तो पैर धोने के लिए गर्म पानी तैयार है साथ ही नहाने-धोने की महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था है।सिर और पेट दर्द, उल्टी-दस्त,बुखार से लेकर थकान दूर करने वाले टेबलेट व अन्य दवाइयां भी मिलेगी।
*अतिथियों की तरह मनुहार:-*
हाइवे पर सुमेरपुर से लेकर सिंदरू,साण्डेराव,आकदडा हनुमान मंदिर,बिरामी,केनपुरा, ढोला सहित जगह-जगह पर समाज सेवी लोगों की और से बाबा रामदेवरा जातरूओं के लिए भण्डारें लगाएं गए हैं। भंडारे से कोई जातरू निराश होकर नहीं जा पाए।
इसलिए भंडारा संचालक पदयात्रियों व जातरुओं से आग्रह करते देखे जा रहे हैं। कोई कहता है – आओ सा…थाक गिया… थोड़ो आराम करल्यो…चाय-पाणी और नाश्ता तैयार है। थोड़ो सुस्ताल्यो…डील नै आराम मिल जासी…अरे-अरे आओ नी साब…थोड़ो-बोत नाश्तो करल्यो…। हाइवे पर इन दिनों पैदल जातरुओं की रेलमपेल है वही कही लोग बाइकों पर तो कोई रथनुमा वाहनों में बाबा रामदेव की प्रतिमा व कपड़े के घोड़े को सजा कर बाबा के जैकारे लगाते हुए चल रहें हैं। यहा हाइवे किनारे भंडारे संचालित कर बाबा के जातरूओं की सेवा करने की होड़ सी मची है। इस दौरान जै बाबा री….भलो करसी बाबो…, बाबा रामदेव जी ओ रे…जैसे भजनों की गूंज है।भंडारे पर जातरुओं को खाना खिला रहा है तो कोई पैर दबा रहा है।पैर में छाले पड़ गए तो मरहम पट्टी की व्यवस्था है।डीजे पर भजनों और लोकनृत्य की धूम मची है।