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नटवर मेवाडा
सांडेराव-महिलाओं के साथ बालिकाओं ने शुभ मुहूर्त में लाया धन,काश्तकारों ने खेतों से घर पर लाए धान धनतेरस की हुई पूजा
ग्रामीण क्षेत्रों में परम्पराओं को निभाते हुए आज भी धनतेरस को अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। गांव के हनुमान चौक,गजानंद चौक,गरबा चौक से धनतेरस को अलसुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही गांव की महिलाए व बालिकाओं द्धारा सिर पर तगारियां और हाथों में कुदाली लिए पाबुजी नाडे व मामाजी नाडे स्थित तालाब के किनारों से पीली मिट्टी का धन के रूप पूजन कर मंगलगीतों के साथ पीली मिट्टी (धन) को भरकर उसमें आंवल के पीले फूल लगाकर घरों की और रवाना हुई। वहीं काश्तकारों ने अपनी परंपरा को निभाते हुए कृषि कुओं व खेत खलिहानों से धान को घर आंगन में लाकर धनतेरस की विशेष पूजा अर्चना कर कर मां भवानी से खुशहाली की मन्नतें मांगी।
बाजार में दिनभर लोगो की भीड़ रही:-
धनतेरस के मौके पर बाजारों में सुबह से ही भीड रही। घर को शुद्धि कर धन्वंतरी के चित्र स्थापित कर पीले फुल माला हल्दी चढाकर विधि-विधान से पूजन किया गया।धनतेरस पर्व पर चांदी के सिक्के और बर्तनो की खरीददारी करने के लिए बाजारो में भीड़ रही। नगर में धनतेरस के मौके पर गरबा चौक में मिट्टी के दीपक व रूई खरीदने के लिए लोगो की भीड़ रही।मुख्य द्वार पर शहरी एवं ग्रामीण क्षैत्र से आए लोगो ने जमकर खरीददारी की। धनतेरस का पर्व मंगलवार को परम्परागत ढंग से हर्षोल्लास के साथ मनाया। पर्व को लेकर तडके महिलाए खेतो से धन रूपी मिट्टी व आंवल के फूल की घरो के बाहर रखकर दीप प्रज्जवलित किया।