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रेवदर, सिरोही-मंदार में पदमाराम कलबी मौत की जांच की मांग को लेकर चल रहा धरना प्रदर्शन दूसरे दिन समाप्त हुआ। धरना स्थल पर मौजूद लोगों ने प्रशासन के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया। करीब 32 घंटे बाद मांगों पर सहमति बनने के बाद धरना समाप्त किया गया।
इससे पहले रात के समय एएसपी किशोर सिंह चौहान और डीएसपी मनोज गुप्ता मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की। परिजनों ने पुलिस पर धमकाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि डिप्टी ने उन्हें जांच की मांग के लिए जाने पर बाहर बैठने के लिए कहा और नार्को टेस्ट से बचने के लिए भी दबाव बनाया। रात के समय वार्ता विफल होने से धरना दूसरे दिन भी जारी रहा।मृतक के भाई नारनाराम ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि डिप्टी कहते हैं कि तुम्हारे परिवार को मैं नहीं समझा सकता, समझना है तो समझ लो। इस पर मैंने कहा कि यहां कोई पैसों का हिसाब नहीं है जो हम समझें, हम सिर्फ इतना जानना चाहते हैं कि हमारे घर पर तार किस व्यक्ति ने लगाया।
पुलिस प्रशासन ने हर बार मूर्ख बनाने का काम किया है। घर की इज्जत खोने के अलावा इस प्रशासन ने और कुछ नहीं दिया। थाने को यह पता है कि मेरा मरा हुआ भाई कैसा था, लेकिन थाना अब तक यह नहीं पता लगा पाया कि तार किसने लगाया। हमारा पूरा परिवार सड़क पर ट्रकों के आगे आकर मर जाता तो प्रशासन के लिए शायद अच्छा रहता। पुलिस अगर न्याय नहीं दिला सकती तो पूरा परिवार हम ट्रक के आगे जाकर सो जाते हैं।
सांसद लुंबाराम चौधरी, विधायक मोतीराम कोली और पूर्व विधायक जगसीराम कोली भी धरना स्थल पर पहुंचे। देर शाम एसपी डॉ. प्यारेलाल शिवरान भी मंडार पहुंचे और प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की। पदमाराम के मौत की जांच रेवदर सर्कल में ना होकर एएसपी कार्यालय द्वारा करवाने और नार्को टेस्ट के लिए विधिक प्रक्रिया शुरू करने की मांग पर सहमति बनने के बाद धरना समाप्त किया गया।
