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रेवदर-लूणोल ग्राम पंचायत के करोटी में वितरण किए अवैध पट्टों के मामले में पंचायतीराज विभाग ने शुक्रवार को सरपंच प्रशासक मंछी देवी, उप सरपंच लक्ष्मण सिंह राठौड़, वार्ड सदस्य सोनी देवी कोली और देवा राम सुथार को पद से मुक्त कर दिया।
गांव के चंद्रवीर सिंह की शिकायत विकास अधिकारी, रेवदर और सीईओ सिरोही को की थी। विकास अधिकारी द्वारा करवाई गई जांच में दोनों पट्टे फर्जी पाए गए। शिकायतकर्ता चंद्रवीर सिंह देवड़ा ने सूचना के अधिकार के तहत जांच रिपोर्ट लेकर पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर के समक्ष सभी दोषियों को पद से हटाने और टेंडरों आदि की विस्तृत जांच की मांग की थी। शिकायतकर्ता चंद्रवीर सिंह ने बताया कि फर्जी पट्टे बनवाकर ग्राम पंचायत को लगभग 15 लाख रुपए राजस्व का नुकसान कर सिर्फ 640 रुपए में 2 पट्टे जारी कर दिए, जबकि अन्य वर्क टेंडरों और पट्टों की जांच जिला परिषद से जारी है। शिकायतकर्ता देवड़ा ने आरोप लगाया कि विकास अधिकारी ने अन्य पट्टों और सीसी सड़कों वर्क टेंडरों की जांच अब तक नहीं करवाई है। पंचायत ने कुओं तक गोचर में सड़कें बना दी। कचरा पात्र, जो मुश्किल से 10 हजार के हैं, उनको कागजों में 40 लाख के बता दिए गए, जो शौचालय स्कूल में बनने थे वो कही और जगह बना दिए। इस प्रकार से टेंडरों में बड़ा घोटाला किया है, जिसकी उच्च स्तरीय कमेटी से जांच करवाने की मांग की।
शिकायतकर्ता देवड़ा ने बताया कि करोटी गांव में पट्टा संख्या 72 का 1375 वर्ग फीट, पट्टा संख्या 73 का 728 वर्ग फीट जमीन के पट्टे की सरकारी डीएलसी रेट के हिसाब से 15 लाख की है। इन दोनों पट्टों की बाजार कीमत करीब 2 करोड़ है। विकास अधिकारी को गत 27 दिसंबर 2024 को शिकायत की। इसके बाद 31 दिसंबर 2024 को सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने चंद्रवीर सिंह देवड़ा के नेतृत्व में प्रदर्शन कर विकास अधिकारी रेवदर, सीईओ जिला परिषद सिरोही को ज्ञापन दिए, जिसमें पिछले 5 साल के कार्यकाल में किए गए सभी वर्क टेंडरों और सभी पट्टों की जांच की मांग की थी। गत 22 सितंबर 2022 को विकास अधिकारी को दी गई शिकायत में बताया गया था कि करोटी में पंचायत की खाली पड़ी आबादी जमीन में पट्टे काटने की कोशिश की जा रही हैं। इसके जवाब में तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी प्रकाश देवासी ने लिखित जवाब देकर कहा कि इस जमीन में कोई पट्टा नहीं कट रहा है। उसके बाद 2023 में ग्राम विकास अधिकारी का स्थानांतरण हो गया, लेकिन सरपंच, उप सरपंच व वार्ड पंचों ने पंचायत का रिकॉर्ड अपने पास ही रखे। बाद में अक्टूबर 2024 में पुरानी तारीख में उसी तारीख को 2 पट्टा काटे दिए, जिस तारीख को इन्होंने पट्टा नहीं काटने का जवाब दिया था।


