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रेवदर-रेवदर के नंदगांव स्थित सुरभि आरोग्यकुलम श्री मनोरमा गोलोक में श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा की प्रशासनिक समिति एवं श्री गोकरूणा चातुर्मास सेवा समिति की संयुक्त बैठक प्रधान संरक्षक गोऋषि स्वामी दत्तशरणानंद महाराज के सानिध्य में संपन्न हुई, जिसमें गोहितार्थ विभिन्न निर्णय लिए गए।
महामंत्री अर्जुनसिंह तिंवरी ने बताया कि चातुर्मास महोत्सव में अवधेश चैतन्य महाराज सुरजकुण्ड, मलूकपीठाधीश्वर राजेन्द्रदास महाराज श्रीधाम वृंदावन, तथा महंत चेतनानंद महाराज डण्डाली आबुराज के सानिध्य में काशी, अयोध्या, मथुरा, जगन्नाथ, अवंतीका, द्वारका, हरिद्वार, नासिक, तथा सप्तपुरियों, नैमिषारण्य, प्रयागराज, पुष्करजी, चित्रकूट, वृंदावन, और मिथिला सहित विभिन्न तीर्थ धामों से सैकड़ों दण्डीधारी यतीवृंद, सिद्ध तपोनिष्ठ साधू संतों और महात्माओं ने गत दो माह में धेनू, धरती, प्रकृति, पर्यावरण और सनातन संस्कृति के संरक्षण, संपोषण और संवर्धन के लिए ऐतिहासिक और अद्वितीय अनुष्ठान का आयोजन अत्यंत उत्साह और परमानंद के साथ किया।
चातुर्मास के कथावाचकों का आभार
सीईओ आलोक सिंहल ने बताया कि श्री गोकरूणा चातुर्मास महोत्सव के अंतर्गत सुरभि हरिहर महापूजा, भरत चरित्र कथा, शास्त्रोक्त उत्सव, रामचरित मानस पारायण, गोभक्तमाल पारायण, भक्तमाल पारायण सहित विभिन्न समाजों द्वारा संत सत्कार समारोह एवं श्री विष्णु महायज्ञ के अद्वितीय अनुष्ठान संपन्न हुए। इसके लिए व्यासासीन मलूकपीठाधीश्वर, गोवत्स राधाकृष्ण, गिरधरगोपाल शास्त्री, एवं विद्वान विप्र देवताओं का आभार व्यक्त किया गया।
गोवत्स विठ्ठलकृष्ण ने बताया कि चातुर्मास महोत्सव के आयोजन में श्री सुरभि हरिहर महापूजा, गोभण्डारा, सत्संग, कथा उत्सव, स्वागत सत्कार, भोजन प्रसाद, आवास प्रवास, भेट पूजा, एवं प्रचार-प्रसार का संपूर्ण मनोरथ महाभाग्यशाली 101 गोभक्त धर्मात्मा परिवारों तथा पुण्यशील 26 गोसमृद्धि गांवों को प्राप्त हुआ है।
वरिष्ठ ट्रस्टी रघुनाथसिंह ने बताया कि महोत्सव में भाग लेने हेतु संपूर्ण भारत के कोने-कोने से लगभग 5 लाख से अधिक गोभक्तों का आगमन हुआ। वेद लक्षणा गोवंश को 6 हजार गाडियों में हरा घास चारा समर्पित किया गया।
प्रबंध ट्रस्टी ब्रह्मदत्त पुरोहित ने बताया कि महोत्सव के दौरान पथमेड़ा द्वारा संचालित गोशालाओं की भूमि पर 1.25 लाख वृक्षारोपण हुआ, और 2000 बीघा गोचर विकास सेवा संपन्न हुई। 1000 बीघा जमीन का सुधार कार्य और 13,000 दुर्घटनाग्रस्त निराश्रित तथा असहाय गोवंश को संरक्षण, संपोषण, चिकित्सा, और आश्रय प्रदान किया गया।
गोवंश हेतु 101 गोआवास, 300 ग्वाल आवास, 12 चारा संग्रहालय, 60,000 रनिंग फुट सुरक्षा वाड़ का निर्माण, तथा 5,500 बीघा जमीन तैयार करके उस पर घास चारा व वृक्षारोपण करने का सर्वसम्मत निर्णय लिया गया है।