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नगराज वैष्णव
आजादी के 75 साल बाद भी बदहाल रास्ता, विकास के दावों पर सवाल
रानी गांव से इटंदरा चारणान जाने वाला मुख्य मार्ग बारिश में हो जाता है बंद, 30 गांवों की आवाजाही प्रभावित
रानी।रानी पंचायत समिति क्षेत्र में रानी गांव से इटंदरा चारणान ग्राम पंचायत को जोड़ने वाला मुख्य रास्ता आज़ादी के वर्षों बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।
यह मार्ग वर्षों से बदहाल स्थिति में है और बारिश के दिनों में पूरी तरह बंद हो जाता है। नतीजतन इटंदरा चारणान पंचायत के लोगों को उपखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए करीब 6 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। यह रास्ता न केवल इटंदरा चारणान बल्कि सोमेसर हाईवे तक पहुंचने वाले करीब 30 छोटे-बड़े गांवों और ढाणियों के लिए भी मुख्य संपर्क मार्ग है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के समय रास्ते में पानी भर जाता है, कीचड़ और गहरे गड्ढों के कारण पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। कई बार स्कूल जाने वाले बच्चों, मरीजों और बुजुर्गों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आपात स्थिति में एंबुलेंस और अन्य वाहन भी गांवों तक नहीं पहुंच पाते, जिससे लोगों की जान तक खतरे में पड़ जाती है।
स्थानीय निवासी देवाराम चौधरी ने बताया कि रास्ते की हालत इतनी खराब है कि इंसान भी ठीक से पैदल नहीं चल सकता।
जगह-जगह गड्ढे, कच्ची मिट्टी और बहाव के कारण मार्ग पूरी तरह टूट चुका है। वहीं घीसालाल घांची ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी यहां पक्की सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ भजनलाल सरकार दो सालों में हुए विकास कार्यों को लेकर गांव-गांव रथयात्राएं निकाल रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
ग्रामीणों का आरोप है कि वे पिछले कई वर्षों से सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं। जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार अवगत कराने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द इस मार्ग को पक्का किया जाए ताकि बरसात के दिनों में भी आवागमन सुचारु रह सके और क्षेत्र के विकास को गति मिल सके।

