PALI SIROHI ONLINEराजस्थान में सहमति के बावजूद एक भी मांग पूरी नहीं होने से सरपंचों में फिर से राज्य सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है। इसी को लेकर राजस्थान सरपंच संघ ने गुरुवार को बैठक बुलाई है। बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी। खासा कोठी स्थित एक होटल में सुबह 11 बजे से होने वाली इस बैठक में कार्यकारिणी के पदाधिकारी और सरपंच शामिल होंगेसरपंच संघ के कार्यकारी अध्यक्ष नेमीचंद मीना ने बताया कि राज्य सरकार ने 15 अगस्त तक मांगों पर विचार कर उन्हें लागू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन एक भी मांग पूरी नहीं की। इसके अलावा 1100 करोड़ रुपए पंचायतों के खाते में नहीं डाले गए हैं। गौरतलब है कि पिछले माह सरपंचों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था और 24 जुलाई को विधानसभा घेराव के चेतावनी दी थी। इसी बीच सरकार से वार्ता के बाद सरपंचों ने अपना आंदोलन एक माह के लिए स्थगित कर दिया था।सरकार ने 1100 करोड़ डालने किया था वादा
राजस्थान में सरपंच संघ की 15 सूत्री मांगों को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं पंचायती राज विभाग के शासन सचिव रवि जैन ने पंचायती राज, वित्त, मनरेगा, सार्वजनिक निर्माण एवं गृह विभाग के अधिकारियों और सरपंच संघ के प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा की थी। जिसके बाद पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने कहा था कि 15 अगस्त तक सरकार लगभग 1100 करोड़ रुपये से अधिक राशि ग्राम पंचायतों के खाते में डालेगी।सरपंचों की ये हैं प्रमुख मांगें…
इस बैठक में सरपंचों ने मांग रखी थी कि कुशल और अकुशल श्रमिकों के मानदेय में वृद्धि की जाए। साथ ही मध्यप्रदेश मॉडल पर राजस्थान सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाने, सरपंचों को राजमार्गों पर टोल फ्री पास देने, पंचायती राज कल्याण कोष बोर्ड बनाने, पंचायतों को अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस जाब्ता उपलब्ध करवाने की मांग की।