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राजसमंद-राजसमंद में एक शिक्षक के रिटायरमेंट के दिन को उनके स्टूडेंट्स और गांव वालों ने यादगार बना दिया। विदाई समारोह में टीचर को घोड़े पर बैठाकर बैंड बाजे के साथ बिंदौरी निकाली। टीचर को गुरु दक्षिणा में बाइक गिफ्ट की
दरअसल, टीचर सत्यनारायण शर्मा राजसमंद के आगल गांव के गवर्नमेंट सेकेंडरी स्कूल से 31 अगस्त को प्रिंसिपल के पद से रिटायर हुए। उनकी पहली पोस्टिंग साल 1993 में राजसमंद के दोवड़ा गांव के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ग्रेड थर्ड टीचर के तौर पर थी। यहां उन्होंने आठ साल सेवाएं दी थीं।
दोवड़ा गांव के स्कूल में पढ़ाए उनके स्टूडेंट आज सीआई, एसआई और पटवारी के पद पर हैं। दोवड़ा गांव के लोग सत्यनारायण शर्मा का काफी सम्मान करते हैं। यही वजह है कि दोवड़ा गांव के लोगों ने उन्हें रिटायर होने पर फूल मालाएं पहनाईं। बिंदौरी निकालते हुए गांव तक लेकर आए और उनका आभार जताया। ग्रामीणों ने उनके रिटायरमेंट पर पूरे गांव को दावत दी।
31 साल दोवड़ा गांव में किराए के मकान में रहे
शिक्षक सत्यनारायण शर्मा पुत्र मूलचंद शर्मा अलवर जिले में राजगढ़ के तालाब गांव के रहने वाले हैं। शिक्षा विभाग में 29 साल की उम्र में नौकरी लगने के बाद 1993 में फर्स्ट पोस्टिंग के लिए दोवड़ा गांव आए। यहां उन्होंने गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बतौर ग्रेड थर्ड टीचर जॉइन किया। 2001 तक इसी स्कूल में पढ़ाया। इसके बाद 9 साल गवर्नमेंट सेकेंडरी स्कूल, भाकरोदा और 14 साल आगल के गवर्नमेंट सेकेंडरी स्कूल में सेवाएं दीं। ये स्कूल दोवड़ा गांव के आसपास के इलाकों में हैं।
दोवड़ा गांव के लोगों ने बताया- दोवड़ा गांव के स्कूल में नौकरी जॉइन करने के बाद ही मीरा शर्मा से उनकी शादी हुई थी। वे शिक्षा विभाग में अपनी पूरी सर्विस के दौरान दोवड़ा गांव में ही रहे। वे यहां नारायण लाल गुर्जर के मकान में 31 साल किराए पर रहे। दूसरे गांव के स्कूलों में ट्रांसफर होने के बाद भी यहीं पर रहे। यहीं से वे रोज स्कूल आते-जाते थे। सत्यनारायण शर्मा का बेटा अखिलेश (23) इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद श्री सीमेंट में जॉब करता है
गांव को परिवार की तरह माना
ग्रामीणों के बताया- दोवड़ा गांव के स्कूल में 8 साल के अध्यापन कार्य और 31 साल के निवास के बाद सत्यनारायण शर्मा यहां के लोगों के दिलों में बस गए। उन्होंने पूरे गांव को परिवार की तरह माना। गांव के हर सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होते रहे हैं। वे बहुत ही मिलनसार हैं। हर छात्र से उनका लगाव है। ऐसे में दोवड़ा गांव के लोगों और स्टूडेंट्स ने उनका आभार प्रकट करने के लिए धूमधाम से विदाई समारोह का आयोजन किया।