PALI SIROHI ONLINE
राजसमंद-प्राणघात हमले के दो आरोपियों को एससी-एसटी कोर्ट राजसमंद की विशिष्ट न्यायाधीश अभिलाषा शर्मा ने दस साल की सजा व 26,500 रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। कुंवारिया पुलिस थाने पर चार अप्रैल को पीड़ित पप्पू ने रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया कि उनके नाथुवास गांव के पास उनके निजी खेत से अवैध बजरी दोहन की जानकारी मिली। जब वो खेत पर गया तो वहां किशन कुमावत, प्रकाश कुमावत व उसके पिता उनके खेत से अवैध बजरी दोहन कर रहे थे।
इस दौरान पप्पू के पिता जगदीश चंद्र व भाई मुकेश खेत पर पहुंचा और बजरी दोहन करने से मना किया तो तीनों ने उनके पिता व भाई से मारपीट शुरू कर दी। तीनों ने सरिए वह लट्ठ लेकर उसके पिता पर हमला कर दिया। इसमें सिर व आंख पर गहरी चोट आई जिससे वह घायल हो गए। इस दौरान उसके भाई मुकेश ने जब बीच बचाव किया तो उसके भाई से भी मारपीट कर दी गई। बाद में कुलदीप व कालू सिंह बाइक लेकर गए और उसके पिता को आरके हॉस्पिटल लेकर गए। सिर में ज्यादा चोट आने पर उदयपुर रेफर किया गया।
रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने एससी-एसटी कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया। न्यायालय में विशिष्ट लोक अभियोजक राज किशोर ब्रजवासी ने 13 गवाह व 20 डॉक्यूमेंट पेश किए। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी प्रकाश चंद्र पुत्र गणेश लाल व गणेश लाल पुत्र चतुर्भुज निवासी, गोवलिया को धारा 323, 341, 325, 307 भारतीय दंड संहिता में दोष सिद्ध घोषित करते हुए दस साल की सजा व 26,500 रूपए का जुर्माना लगाया।