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राजस्थान में पूर्ववर्ती सरकार के बनाए गए 17 नए जिलों को लेकर प्रदेश की सियासत गरम है। सांचौर जिले को यथावत जिला बनाए रखने को लेकर सुखराम विश्नोई के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी कड़ी में नए जिले गंगापुर सिटी और शाहपुरा से पुलिस महानिदेशक कार्यालय द्वारा जिले को आवंटित सरकारी वाहन मंगाने से खलबली मच गई है। इस आधार पर कयास लगाए जा रहा है सरकार सबसे पहले इन 2 जिलों को रद्द कर सकती है।
पुलिस महानिदेशक कार्यालय की ओर से नए जिले गंगापुर सिटी और शाहपुरा के लिए पुलिस अधीक्षकों को वाहन आवंटित किए गए थे। जिसके बाद अब कार्यालय ने आदेश करते हुए वाहन वापस भिजवाने का आदेश जारी किया है। आदेश में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि ‘आदेश क्रमांक 8300 दिनांक 18 अक्टूबर 2023 से निम्नांकित वाहन जिला कार्यालय को आंवटित किए गए है। निवेदन है कि कृपया उपर्युक्त वाहनों को दिनांक 30 सितंबर 2024 तक केंद्रीय भण्डार पुलिस मुख्यालय राजस्थान जयपुर भिजवाने का श्रम करावें।’
दोनों जिलों में सौंपा गया अतिरिक्त चार्ज
वहीं, इससे पहले कार्मिक विभाग की ओर से जारी तबादला सूची में 22 IAS और 58 IPS अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए थे। जिसमें ममता गुप्ता को सवाई माधोपुर की एसपी के साथ गंगापुर सिटी और धर्मेंद्र सिंह को भीलवाड़ा एसपी के साथ-साथ शाहपुरा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। जिससे इन दो नए जिलों के रद्द होने की प्रबल संभावनाएं मानी जा रही है।
CM के इस बयान के बाद चर्चाओं ने पकड़ा जोर
हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक कार्यक्रम में नए जिलों को लेकर कहा था कि एक जिले पर कितना पैसा खर्च होता है, कितने संसाधन चाहिए उस पर चिंतन तो करना चाहिए था। बिना सोचे-समझे जिलों का फैसला लिया गया था। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद नए जिलों को रद्द करने की चर्चा फिर से शुरू हो गई थी। सीएम के बयान के बाद नए जिलों को रद्द करने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।