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रायपुर मारवाड़-रायपुर मारवाड़ उपखंड के देवली कलां गांव में आगोर भूमि का मामला सामने आया है। यहां 40 साल पहले आगोर भूमि को आबादी में रूपांतरित कर जारी किए गए पट्टों को निरस्त करने के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
गांव में कुल 106 बीघा आगोर भूमि थी। 1974 में सरकार ने इसमें से 25 बीघा जमीन को आबादी भूमि में बदल दिया था। इस जमीन पर गरीबों के लिए 26 क्वार्टर बने हैं। साथ ही सरकारी समिति का गोदाम, पानी की जीएलआर और सामाजिक न्याय विभाग का अंबेडकर छात्रावास भी बनाया गया है।
जिला प्रशासन ने इन पट्टों को निरस्त करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ देवली कलां गांव के भैराराम, जड़ाव, माधुराम, बोदाराम, घेवरराम, गोवर्धन दासख, सूजाराम और भंवरी देवी ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल कीं। कोर्ट ने सभी याचिकाओं को स्वीकार कर स्थगन आदेश जारी किया है।
अधिवक्ता कामिनी जोशी ने कोर्ट में पक्ष रखा। कोर्ट ने ब्यावर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर और अन्य संबंधित अधिकारियों से 6 सप्ताह में जवाब मांगा है। स्थानीय ग्रामीण आत्मप्रकाश चौहान ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से ग्रामीणों को राहत मिली है।