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प्रतापगढ़-प्रतापगढ़ में शारदीय नवरात्र का पर्व गुरुवार से शुरू हो रहा है। जिले में इसकी तैयारी जोरों पर है। कलकत्ता से इस बार 25 कलाकार पहुंचे हैं, जो यहां दुर्गा मूर्तियों को आकार देने में जुटे हैं। इस साल जिले में 300 से ज्यादा मूर्तियों की बुकिंग हो चुकी है, जिनकी कीमत 6 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक है। आयोजकों ने अब तक 60 मूर्तियों की बुकिंग कराई है और मूर्तियों को अंतिम रूप देने का काम तेज़ी से चल रहा है।
90 मूर्तियां तैयार, बाकी काम जारी
लालगंज के बाबूगंज मार्ग पर स्थित कलाकार सुजीत कुमार ने बताया कि उनके पास अब तक 90 मूर्तियों का आर्डर आ चुका है। ये मूर्तियां जिले के सदर तहसील, पट्टी, रानीगंज, कुंडा, बाबागंज और रामपुर खास के पूजा पंडालों के लिए तैयार की जा रही हैं। हर मूर्ति की ऊंचाई 7 से 10 फुट तक है, और इनके निर्माण का काम अंतिम चरण में है। सुजीत के साथ राम पाल, कृष्ण पाल, विश्वनाथ और चुन्ना पाल जैसे अनुभवी कलाकार दिन-रात मेहनत कर मूर्तियों को सजाने में लगे हैं।
15 साल से मूर्तियों का कारोबार
शहर के रूपापुर के पास मूर्तिकार राम पाल ने बताया कि वे पिछले 15 वर्षों से मूर्ति बनाने का कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके यहां 5 हजार से 20 हजार रुपये तक की मूर्तियां उपलब्ध हैं, और एक मूर्ति को तैयार करने में 5 से 8 दिन का समय लगता है।
चार महीने पहले शुरू होती है तैयारी
बंगाल से आए प्रमुख मूर्तिकार संजीत पाल ने बताया कि वे मूर्ति निर्माण की तैयारी चार महीने पहले से ही शुरू कर देते हैं। इस बार उनके साथ एक दर्जन सहयोगी कारीगर भी आए हैं, जो मिट्टी, कपड़े और अन्य सजावटी सामानों से मूर्तियों को आकार दे रहे हैं। संजीत ने कहा कि बढ़ती महंगाई के बावजूद इस काम को पूरे जोश और मेहनत के साथ अंजाम दिया जा रहा है।
मिट्टी जुटाना सबसे मुश्किल
कारीगर महादेव पाल ने बताया कि मूर्ति निर्माण के लिए मिट्टी जुटाना सबसे चुनौतीपूर्ण काम होता है। इसे पंडाल तक पहुंचाने में काफी समय और पैसा खर्च होता है। इसके बाद कारीगर दिन-रात मेहनत करके मूर्तियों को तैयार करते हैं ताकि नवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं को आकर्षक और भव्य मूर्तियां देखने को मिल सकें।
प्रतापगढ़ में दुर्गा पूजा की तैयारियां अपने शबाब पर हैं, और कलाकार अपनी कला का जादू बिखेरने में लगे हैं। जिले भर के पूजा पंडाल सजाए जा रहे हैं और जल्द ही पूरा शहर भक्ति और आस्था के रंग में रंग जाएगा।