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प्रतापगढ़ जिले के धरियावद इलाके में 11 माह पहले एक गर्भवती विवाहिता को गांव में निर्वस्त्र घुमाने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रामकन्या सोनी ने शनिवार को फैसला सुनाया।
जिसमें पीड़िता के पति समेत 14 अभियुक्तों को विभिन्न धाराओं में 7 वर्ष और 3 महिला अभियुक्तों को पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सभी अभियुक्तों पर अर्थदंड भी लगाया गया है।
17 पर दर्ज हुआ था मामला
विशिष्ट लोक अभियोजक मनीष नागर ने बताया कि धरियावद इलाके में एक गर्भवती महिला को उसके पति ने निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया था। इस संबंध में प्रतापगढ़ के धरियावद थाने में 2 सितंबर 2023 को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस की ओर से इस मामले में अभियुक्त पति समेत 17 पर प्रकरण दर्ज किया गया था। वहीं इसमें दो बाल अपचारी भी शामिल थे। पुलिस ने प्रकरण की संदिग्धता को देखते हुए केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया। वहीं तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने राज्य सरकार निवेदन किया, जिसमें मनीष नागर को विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया।
3 महिलाएं भी दोषी करार
पति समेत 17 अभियुक्तों का प्रकरण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट में चला, जबकि दो बाल अपचारियों का प्रकरण बाल किशोर न्यायालय में चल रहा है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस संबंध में फैसला सुनाया, जिसमें अभियुक्त पति समेत 14 पुरुष अभियुक्तों को विभिन्न धाराओं में 7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। जबकि 3 महिला अभियुक्त को पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। वहीं न्यायालय की ओर से सभी अभियुक्तों पर अर्थदंड भी लगाया गया है।