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प्रतापगढ़-प्रतापगढ़ में तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान खंड विकास अधिकारी (BDO) पट्टी रामप्रसाद की पिटाई के मामले में पुलिस ने दो अधिवक्ताओं और 10-12 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। घटना के बाद बीडीओ रामप्रसाद ने अपनी चोटों का मेडिकल कराया और प्रशासन से कानूनी कार्रवाई की मांग की।
एफआईआर के बाद कर्मचारियों में आक्रोश, मामला दर्ज ब्लॉक के कर्मचारियों के बीच इस घटना को लेकर आक्रोश फैल गया था, क्योंकि एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही थी। इस पर देर रात अधिवक्ता प्रदीप पाठक और बबलू तिवारी को नामजद करते हुए 10-15 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मारपीट, सरकारी कार्य में बाधा डालने और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
अधिवक्ताओं का प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन मुकदमा दर्ज होने के बाद अधिवक्ता आक्रोशित हो गए और तहसील गेट पर तालाबंदी कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस कारण पूरे दिन तहसील का मुख्य गेट बंद रहा। तहसील गेट के बाहर यह संदेश दिया गया कि जब तक उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस नहीं लिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही, गुरुवार से इस आंदोलन को और अधिक व्यापक रूप से शुरू करने की घोषणा की गई है।
अधिवक्ताओं ने प्रशासन की कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बताया और कहा कि जब तक उनके खिलाफ दर्ज मामला वापस नहीं लिया जाता, वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। उनका यह भी कहना था कि प्रशासन उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर पुनर्विचार करे, अन्यथा वे आंदोलन को और तेज करेंगे।