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पोसालिया-गौतम ऋषि मेले से नाणा लौट रहे भाई-बहन रात के अंधेरे में चोटिला भागली व गौतम ऋषि मंदिर के बीच बने पुल की 25 फीट ढलान में लॉरी समेत नीचे गिर गए। लॉरी के साथ 5 लोग थे, इसमें 3 को मामूली चोटें आईं। 2 भाई-बहन गंभीर रूप से घायल हो गए। लॉरी पर भारी सामान भी था। गनीमत रही कि वहां से गुजर रहे पूर्व सरपंच और कुछ लोगों ने एक महिला के दर्द से चिल्लाने की आवाज सुनी और पास जाकर देखा तो सामान बिखरा था। घायल महिला ने लॉरी के साथ दो लोगों के नीचे खाई में गिरने की बात कही। इस पर उन्होंने तुरंत एंबुलेंस व पुलिस को सूचना दी और साथियों के साथ खाई में उतरे। कुछ समय बाद पहुंची एंबुलेंस से स्ट्रक्चर निकालकर खाई से दोनों घायलों को निकालकर शिवगंज अस्पताल पहुंचाया। तीन लोगों को मामूली चोटें आई हैं।
थाना अधिकारी फगलुराम बिश्नोई ने बताया कि मंगलवार रात 8 बजे गौतम ऋषि मेला समाप्ति के बाद नाणा के हनुमान चौक निवासी लालचंद पुत्र बाबूलाल खटीक व उसकी चचेरी बहन अरुणा पत्नी जगदीश खटीक और अन्य तीन लोग हाथ लॉरी ले पाली जिले के नाणा तरफ जा रहे थे। रात के अंधेरे में चोटिला भागली व गौतम ऋषि मंदिर के बीच बने पुल की ढलान में लॉरी गलत दिशा में चली और वे लॉरी के साथ नीचे गिर गए। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। इससे पहले एंबुलेंस की सहायता से गंभीर रूप से घायल भाई व बहन को शिवगंज अस्पताल ले जाया गया। अन्य तीन को मामूली चोटें आई। शिवगंज अस्पताल पहुंचाकर मेडिकल करवाया। दोनों के बदन पर सामान्य चोटें आई। घायलों ने थाने में लिखित रिपोर्ट पेश की है।
प्रत्यक्षदर्शी- समय पर नहीं जाते तो बचना मुश्किल था
पूर्व सरपंच रामसिंह पुरोहित ने बताया कि वे हमेशा की तरह मेले की समापन के बाद में रात के समय अपने साथियों के साथ चोटिला रास्ते पर गश्त करते हैं। रात 9.30 बजे चोटिला भागली व गौतम ऋषि मंदिर के बीच बने पुल से गुजर रहे थे। सड़क किनारे सामान बिखरा था और एक औरत दर्द से चिल्ला रही थीं। पास जाकर बताया कि लॉरी नीचे खाई में गिरी है। नीचे कुछ लोग है।
मोबाइल टॉर्च से देखा तो कुछ नजर नहीं आया। बाद में साथियों के साथ नीचे उतरे तो दो व्यक्ति झाड़ियों में उलझे थे। नीचे की तरफ उलटी पड़ी लॉरी नजर आई। देखा तो एक व्यक्ति और एक युवती घायल पड़ी थी। तुरंत एंबुलेंस व पुलिस को सूचना दी। एंबुलेंस से स्ट्रक्चर लाकर उन्हें ऊपर ले आए। 1 से डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद उन्हें एंबुलेंस से शिवगंज पहुंचाया। समय पर उन्हें इलाज नहीं मिलता तो बचना मुश्किल हो जाता


