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डुंगरपुर-भारत आदिवासी पार्टी से बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद राजकुमार रोत ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों के बीच बांसवाड़ा और डूंगरपुर समेत क्षेत्र के विकास को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान सांसद रोत ने भील प्रदेश बनाने, डूंगरपुर-बांसवाड़ा के लिए पेयजल व सिंचाई परियोजना और बिरसा मुंडा को भारत रत्न दिलाने की मांग रखी। सांसद ने 17 मांगों को लेकर एक पत्र भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा। प्रधानमंत्री ने उनकी तमाम मांगों पर सकारात्मक विचार करने का भरोसा भी दिलाया। दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक चर्चा हुई।
परियोजना की मंजूरी दिलाने की मांग
बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने बताया कि बांसवाड़ा-डूंगरपुर में विकास के मुद्दे पर बातचीत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा गया था। जिस पर बुधवार को नई दिल्ली संसद परिसर में स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में उनसे मुलाकात हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे हाथ मिलाया और उनसे करीब 20 मिनट तक चर्चा की। दोनों के बीच बांसवाड़ा ओर डूंगरपुर समेत क्षेत्र के विकास को लेकर चर्चा हुई। जिसमें खासकर 10 जनवरी 1966 को माही और कडाणा को लेकर राजस्थान ओर गुजरात दोनो राज्यों के बीच समझौता हुआ था। जिसके तहत 77 टीएमसी पानी में से 40 टीएमसी पानी गुजरात के लिए रिजर्व रखा गया। जबकि राजस्थान के लिए 16 टीएमसी पानी भी आज तक नहीं मिला है।
भील प्रदेश बनाने की मांग
बांसवाड़ा और डूंगरपुर दोनों ही जिलों को राजस्थान के हक का पानी सिंचाई ओर पेयजल के लिए उपलब्ध करवाया जाए। इसके लिए बड़ी परियोजना की मंजूरी दिलाने की मांग रखी। इसके अलावा राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र ओर मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों को मिलकर अलग से भील प्रदेश की मांग रखी है।
सांसद राजकुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात में 17 तरह की मांगे रखी गई। प्रधानमंत्री ने सभी बातों को सुनते हुए उनका सकारात्मक रूप से विचार करने का भरोसा दिलाया। वहीं, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के आदिवासी क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव प्रयास रहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के सामने रखी गई मांगे –
1. 1966 में माही-कड़ाना बांध बनाने के वक्त हुए गुजरात-राजस्थान के समझौते की शर्तों को पूरा कर डूंगरपुर-बांसवाड़ा के लिए पेयजल व सिंचाई परियोजना की मांग।
2. गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र के कुछ हिस्से को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग।
3. बजट सत्र 2022 में चौरासी विधान सभा क्षेत्र के लिए 886 करोड़ की स्वीकृत कडाना से गैंजी घाटा तक पेयजल परियोजना का वर्क ऑर्डर जारी करने की मांग।
. जंगली जानवरों से हुई मौतों व आदिवासियों के विस्थापन को देखते हुए पूरे देश में प्रस्तावित टाइगर प्रोजेक्ट को रोकने संबंधी मांग।
5. बांसवाडा जिले में प्रस्तावित परमाणु बिजली घर के दूरगामी दुष्परिणाम को देखते हुए अवाप्त भूमि को अन्य कोई प्रोजेक्ट लगाकर परमाणु बिजली घर पर रोक लगाने।
6. गुजरात में काम करने वाले मजदूरों के बच्चों के लिए शिक्षण व्यवस्था हेतु प्रवासी शिक्षा केंद्र खोलने।
7. संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस का पूरे देश में राजकीय अवकाश घोषित करने।
8. गुजरात में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों के इलाज के लिए प्रवासी मजदूर चिकित्सा योजना लागू कराने की मांग।
9. डूंगरपुर में एक अतिरिक्त नवीन नवोदय स्कूल खोलने।
10. अनुसूचित क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के समता जजमेंट 1997 के आदेश का अनुपालन करते हुए स्थानीय जनजातियों के लिए कॉपरेटिव सोसाइटीज बनाकर खनन में उन्हें मालिकाना अधिकार दिलाने।
11. बिरसा मुंडा, मामा बालेश्वर, टांट्या मामा भील को मरणोपरांत भारत रत्न दिलाने।
12. संसदीय क्षेत्र बांसवाडा में एससी समुदाय के अभ्यार्थियों के लिये आधुनिक छात्रावास खोलने।
13. संसदीय क्षेत्र बांसवाडा में खेल विश्वविधालय खोलने की माँग।
14. संसदीय क्षेत्र बांसवाड़ा में आईआईटी, नीट व आईआईएम. जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में जाने के लिए उच्च स्तरीय ट्राइबल कोचिंग सेंटर खोलने।
15. कौशल दक्षता योजना के तहत स्किल डेवलपमेंट कॉलेज खोलने।
16. राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में नवीन एम्स खोलने।
17. बांसवाडा- डूंगरपुर ज़िले से पीएम सहायता निधि के लिए समस्त आवेदनों को स्वीकार करते हुए वित्तीय सहायता दिलवाने।
3 दिन पहले गृहमंत्री से की थी मुलाकात
सांसद राजकुमार रोत ने 16 दिसम्बर को गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। दोनों के बीच करीब 3 मिनट तक चर्चा हुई थी। जिसमें सांसद ने फौज में सिख ओर जाट रेजिमेंट की तरह आदिवासी रेजिमेंट शुरू करने की मांग रखी थी। इसके अलावा 2020 में नेशनल हाईवे 48 पर हुए कांकरी डूंगरी दंगों के केस वापस लेने के लिए के केंद्र सरकार की मंजूरी देने समेत कई मांगे रखी थी।