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यूसुफ मेमन/खीमाराम मेवाडा
पिंडवाड़ा (सिरोही) पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन को जंक्शन बनाने की मांग को लेकर आज बाजार बंद, पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन को जंक्शन बनाने की मांग ने पकड़ा जोर: बाजार बंद कर जताया विरोध
पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन को जंक्शन (Junction) का दर्जा देने और सिरोही जिला मुख्यालय को रेल सेवा से जोड़ने की मांग अब एक जनआंदोलन का रूप ले चुकी है। इस मांग को लेकर स्थानीय नागरिकों, व्यापारी संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपना विरोध दर्ज कराया है, जिसके तहत बाजार बंद और शांतिपूर्ण प्रदर्शन जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
लोगो की मुख्य मांग है कि पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन, जो रेलवे को भारी राजस्व देता है, उसे तत्काल ‘जंक्शन’ घोषित किया जाए।
सर्वे का विरोध: रेलवे द्वारा नई रेल लाइन के लिए पिंडवाड़ा के बजाय स्वरूपगंज या अन्य रूट से सर्वे कराए जाने का स्थानीय लोग कड़ा विरोध कर रहे हैं।
जिला मुख्यालय से जुड़ाव: सिरोही जिला मुख्यालय को सीधे पिंडवाड़ा से रेल लाइन के जरिए जोड़ने की मांग की जा रही है ताकि जिले के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके।[
ज्ञापन में तर्क दिया गया है कि पिंडवाड़ा स्टेशन से रेलवे को सालाना करोड़ों रुपये की आय (पैसेंजर और माल भाड़ा) होती है और यहां अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी बड़ी फैक्ट्रियां हैं, इसलिए पिंडवाड़ा ही जंक्शन बनने का असली हकदार है।
व्यापार महासंघ और नगर के लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा, जिसमें अनिश्चितकालीन बाजार बंद भी शामिल हो सकता है।
लोगो का तर्क है कि पिंडवाड़ा भौगोलिक और आर्थिक दृष्टि से रेलवे के लिए महत्वपूर्ण केंद्र है।यह स्टेशन कई प्रमुख ट्रेनों का ठहराव स्थल है और यहां से औद्योगिक माल का परिवहन बड़े पैमाने पर होता है। इसके बावजूद, इसे नजरअंदाज कर दूसरे स्टेशनों को प्राथमिकता देना क्षेत्र के साथ अन्याय है।
पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन को जंक्शन बनाने की मांग को लेकर मंगलवार को पिंडवाड़ा शहर के साथ अधिकांश तहसील के गांव बंद है। पिंडवाड़ा संघर्ष समिति के नेतृत्व में बंद को 37 विभिन्न संगठन ने समर्थन दिया है।
संघर्ष समिति बताती हैं कि मुख्य मांग पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन को जंक्शन बनाया जाए। हाल ही में नए सर्वे में पिंडवाड़ा स्टेशन को हटाकर सरूपगंज रेलवे स्टेशन को जंक्शन बनाने की घोषणा से क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। 2016 में किए सर्वे में उदयपुर से पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन को जोड़ते हुए सिरोही, बागरा और जालोर तक 171 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित रेलवे लाइन पर रेल मंत्री ने मोहर लगाई थी। सर्वे के अनुसार पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन को जंक्शन बनाना था, लेकिन इसमें परिवर्तन कर दिया। ऐसे में पिंडवाड़ा शहरवासियों और व्यापारियों में रोष है। जालोर से सिरोही रेललाइन से जोड़ने को लेकर वर्ष 2016 में सर्वे हुआ था। सर्वे में उस समय पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन को जंक्शन बनाने का प्लान था। सर्वे भी हो चुका था। अब रेलवे के नए सर्वे में पिंडवाड़ा को जंक्शन हटाकर सरूपगंज किया जा रहा है। इसी को लेकर पिंडवाड़ा संघर्ष समिति के बैनरतले विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
समिति का कहना है कि पिंडवाड़ा को जंक्शन बनाया जाए। आबूरोड के बाद सबसे ज्यादा रेलगाड़ी का पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन पर ही ठहराव है। अप-डाउन की 40 ट्रेनें रुकती हैं।
पिंडवाड़ा संघर्ष समिति के नेतृत्व में विभिन्न संगठन में से विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, श्रीराजपूत करणी सेना, व्यापार मंडल पिंडवाड़ा, व्यापार मंडल सिरोही रोड, जैन वैप्स मंडल, विभिन्न सामाजिक संगठन ने साथ दिया है। वहीं गांवों में भोंपू प्रचार-प्रसार कर ग्रामीणों को पिंडवाड़ा आने के लिए आमंत्रित किया। समिति की ओर से पिंडवाड़ा बंद को लेकर शहर के बाजार स्थित शक्ति माता चौक में संगठन के साथ शहरवासी एकत्रित होंगे। यहां से रैली के रूप में पुलिस थाना के सामने गांधी पार्क में एकत्रित होंगे। इसके बाद रैली के रूप में उपखंड अधिकारी कार्यालय की ओर ज्ञापन देने के लिए रैली के रूप में जाएंगे।


पिंडवाड़ा तहसील के नया सानवाड़ा से लेकर कोदरला, पेशुआ, नांदिया, कोजरा, अजारी, घरट, मालप समेत आसपास के गांवों में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने जाकर बंद का समर्थन मांगा।

