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सिरोही-मैं कांटल (पिंडवाड़ा) निवासी श्रवण कुमार अहमदाबाद में एमबीबीएस की तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा हूं। विमान हादसे से पहले दोपहर करीब डेढ़ बजे मैं अपने साथी दोस्तों के साथ डॉक्टर मैस में भोजन करने गया। खाना खा ही रहा था कि अचानक से दीवार टूटी और धूल का बड़ा गुबार उठा। कुछ समझ में नहीं आया। एक ही पल में पूरा कमरा धूल से भर गया। आंखों के आगे अंधेरा छा गया और दिखना बंद हो गया। सिर्फ चीखें ही सुनाई दे रही थी।
थोड़ी देर में धूल कम हुई तो पता चला मेरे सिर से खून टपक रहा है। पैर में चोटें लगी थी। मैं जमीन पर गिरा हुआ था। आसपास नजर दौड़ाई तो जो लोग हंस-हंस कर बाते कर रहे थे वे इधर-अब घायल बिखरे पड़े थे। मैंने जैसे-तैसे खुद को संभाला और खिड़की से देखा तो आग का गुबार नजर आ रहा था। कुछ समझ नहीं आ रहा था। कुछ देर बाद पता चला कि हमारे मैस पर प्लेन आ गिरा है। जैसे-तैसे सीढ़ियों से नीचे उतर कर अपनी जान बचाई।
नीचे गया तो लोगों ने मुझे अस्पताल पहुंचाया। अब श्रवण की स्थिति सामान्य है। श्रवण कुमार के घायल होने की सूचना मिलते ही परिवार के सदस्य भी अहमदाबाद पहुंचे। प्लेन क्रैश में घायल होने के बाद अहमदाबाद सिविल में उपचार रत है।


