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सिरोही-सिरोही के पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन पर 21 जनवरी को मिले बच्चे पर अहमदाबाद से आए एक दंपती ने अपने होने का दावा किया है। जीआरपी का भी मानना है कि कर्ज में डूबे दंपती ने क्राइम पेट्रोल देखकर यह योजना बनाई थी, लेकिन बच्चे पर कई लोगों के दावा करने के कारण अब उन्हें कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रतन बाफना के अनुसार, दावेदार दंपती के पास अपनी पहचान या बच्चे से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है। समिति ने उनसे आधार कार्ड, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, अस्पताल की रिपोर्ट और बच्चे के साथ खींची गई फोटो (यदि है तो) प्रस्तुत करने को कहा है।
बच्चे के साथ मिली चिट्ठी में लिखा मां का नाम और दावा करने वाले दंपती का नाम अलग-अलग होना मामले को और जटिल बनाता है। जीआरपी और बाल कल्याण समिति दोनों इस मामले की जांच कर रहे हैं। आवश्यकता पड़ने पर डीएनए टेस्ट भी कराया जा सकता है।
बाफना ने स्पष्ट किया कि हालांकि कई लोग बच्चे को लेने आ रहे हैं, लेकिन नियमानुसार केवल न्यायालय के आदेश के बाद ही बच्चा किसी को सौंपा जा सकता है। फिलहाल बच्चा बाल कल्याण समिति की देखरेख में सुरक्षित है।
गौरतलब है कि गत 21 जनवरी की शाम को पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में एक बच्चा कोई छोड़ गया था। उसके पास एक पत्र भी मिला था, जिसमें स्पष्ट लिखा था कि कार एक्सीडेंट में पति की मौत हो गई। उसे भी एक गंभीर बीमारी है। वह कुछ दिन बाद आत्महत्या कर लेगी।
मामले में जीआरपी आबू रोड थाना अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है, कि बच्चा इन्हीं दंपती का है या किसी और का है। जिस समय बच्चा प्लेटफार्म पर मिला उसे समय भी काफी लोग बच्चे को लेने के लिए पहुंच गए थे।

