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सिरोही-सात दिन बाद मासूम रुद्र उर्फ किट्टू को गोद में उठा अहमदाबाद से पूरे परिवार के साथ आए माता-पिता भावुक हो गए। आंखों में अपनी गलती के पछतावे के आंसू छलक रहे हैं। रुद्र की मां सुमित्रा पटनी लाडले को दुलारते हुए बोली बहुत बड़ी गलती हो गई, जो तुझे छोड़ दिया। आगे कभी ऐसी गलती नहीं करूंगी। वहां मौजूद मासूम की नानी भी बच्चे को देख अपने आंसू नहीं रोक सकी।
मासूम के चाचा और मामा से शपथ पत्र और घटना की पुनरावृत्ति न होने के वचन पत्र पर हस्ताक्षर के बाद बाल कल्याण समिति व बाल संरक्षण इकाई की ओर से रुद्र को परिजनों के सुपुर्द किया गया। बाल कल्याण समिति सिरोही ने मामले को अहमदाबाद बाल कल्याण समिति को सौंप दिया है। बाल कल्याण समिति अहमदाबाद और बाल संरक्षण इकाई अहमदाबाद हर महीने बच्चे के माता-पिता से फीडबैक लेगी और निगरानी रखेगी कि माता-पिता फिर ऐसी गलत न करें। मासूम बच्चे को 22 जनवरी को माता-पिता ने पिंडवाड़ा स्टेशन पर एक चिठ्ठी के साथ लावारिस छोड़ दिया था। 22 जनवरी को रुद्र पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन पर चिठ्ठी के साथ मिला था। बच्चे को अनाथाश्रम छोड़ देने की गुहारथी। जीआरपी ने बच्चे को बाल कल्याण समिति सिरोही को सौंपा था। दूसरे ही दिन अहमदाबाद निवासी ईश्वर और सुमित्रा ने बच्चे के मां-बाप होने का दावा किया। वे बच्चे को लावारिस छोड़ने के संबंध में अलग-अलग कहानियां बता रहे थे।
इस पर विभाग की ओर पुष्टि की गई तो बच्चे के वास्तविक माता-पिता अहमदाबाद के ईश्वर और सुमित्रा निकले। बुधवार पूरे परिवार के साथ पहुंचे ईश्वर और सुमित्रा को रूद्र सुपुर्द किया। दत्तक ग्रहण के अधीक्षक भंवर सिंह परमार और उनकी टीम ने बालक रुद्र की देखभाल की। यहां कार्यरत आया ने बच्चे को मां सा दुलार दिया। वहीं 23 जनवरी को अहमदाबाद गुजरात निवासी बालक के माता-पिता ईश्वर लाल पटनी और सुमित्रा पटनी बाल कल्याण समिति सिरोही के समक्ष आए थे और बेटे को अपने पास रखने की इच्छा जताई थी, उस समय वे किसी दस्तावेज का प्रमाण नहीं प्रस्तुत कर पाए, जिससे शिशु को सुपुर्द नहीं किया जा सका था।
सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रतन बाफना ने जिला बाल संरक्षण इकाई अहमदाबाद से व्यक्तिगत संपर्क कर पूरे मामले को लेकर सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की। जांच में पुष्टि हुई कि मासूम के माता-पिता वास्तव में अहमदाबाद निवासी ईश्वर लाल पटनी और सुमित्रा पटनी है, जिन्होंने 22 जनवरी को पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन पर बालक को छोड़ दिया था। जिला बाल संरक्षण इकाई अहमदाबाद की रिपोर्ट, रिश्तेदारों के शपथ पत्र और घटना की पुनरावृत्ति न होने के वचन पत्र पर हस्ताक्षर के बाद बाल कल्याण समिति ने रुद्र को माता-पिता के सुपुर्द करने का निर्णय लिया।