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पाली। पाली जिला एवं सत्र न्यायाधीश पाली युधिष्ठिर शर्मा ने नगर परिषद के ठेकेदार हनुमान सिंह राजपुरोहित आत्महत्या प्रकरण में नगर परिषद के तत्कालीन आयुक्त ब्रजेश रॉय की ओर से पेश अग्रिम जमानत आवेदन को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
प्रकरण में पुलिस जांच में तत्कालीन आयुक्त ब्रजेश रॉय और पार्षद राकेश भाटी को ठेकेदार को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोपी माना है। सभापति रेखा भाटी पर आईपीसी 120 का जुर्म प्रमाणित है। उल्लेखनीय है कि प्रकरण में आरोपी ब्रजेश रॉय वर्तमान में राजसमंद नगर परिषद में आयुक्त है।
जिला एवं सत्र न्यायालय के लोक अभियोजक डॉ. चंद्रभानु राजपुरोहित ने बताया कि प्रकरण में आरोपी तत्कालीन आयुक्त ब्रजेश रॉय, पार्षद राकेश भाटी व सभापति रेखा भाटी की गिरफ्तारी पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है।
मगर आयुक्त रॉय की ओर से जिला एवं सेशन कोर्ट में पृथक से अग्रिम जमानत का आवेदन किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इधर, इस प्रकरण में पुलिस जांच में नगर परिषद के लेखा शाखा प्रभारी नरेश चौधरी और वरिष्ठ सहायक कैलाश चंद्र शर्मा उर्फ केसी शर्मा पर जुर्म प्रमाणित नहीं पाया है।
नगर परिषद पर बकाया था 2 करोड़ का भुगतान
रोहट थाना क्षेत्र के ढाबर में 4 नवंबर, 2022 की शाम को नगर परिषद पाली के ठेकेदार हनुमानसिंह राजपुरोहित ने घर में फांसी लगा ली। सत्यम कंट्रक्शन फर्म चलाने वाले हनुमान सिंह ने 2 पेज के सुसाइड नोट में आयुक्त बृजेश रॉय और सभापति रेखा भाटी, इनके पति राकेश भाटी और लेखा शाखा के अधिकारी पर आरोप लगाए थे कि ये सब ठेकेदारों से मोटा कमीशन मांगते हैं।
दो-तीन साल से 2 करोड़ रुपए बकाया होने से वह बैंक डिफाल्टर हो गए और किस्त जमा नहीं हो पा रही थी। रोहट पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर एफएसएल जांच को भेजा था।