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नटवर मेवाडा
पाली। ठेका प्रथा के खिलाफ स्वास्थ्य मार्गदर्शको का आक्रोश, ठेका प्रथा के खिलाफ राजस्थान स्वास्थ्य मार्गदर्शक संघ ने सौंपेगा ज्ञापन
*साण्डेराव।* ध्यान रहे कि राजस्थान में पिछले लम्बे समय से स्वास्थ्य कर्मी स्वास्थ्य मार्गदर्शक पोस्ट पर कार्यरत है पिछले लंबे समय से ठेका प्रथा बंद करने की मांग कर रहे हैं
।उनका कहना है कि संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थाईकरण का लाभ मिलता है लेकिन सरकार की ओर इस से ध्यान नहीं देने पर इन कर्मचारियों का शोषण हो रहा है।आज भी बेहद कम वेतन में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।प्रदेश मे स्वास्थ्य मार्गदर्शक संघ के अध्यक्ष हितेश राठौड, महावीर मेवाड़ा ने बताया कि उन्हें इस महत्वपूर्ण आपात सेवा के लिए महज़ 5 से 9 हज़ार रूपये प्रति महीने मिलते हैं,जो आज की महंगाई के हिसाब से घर चलाने के लिए बहुत कम है। इनका ये भी कहना है कि राजस्थान बेसिस कर्मचारियों के समान ही इनका काम है लेकिन इनके मानदेय में ज़मीन-आसमान का अंतर है। ठेका प्रथा में लगे लोगों की रूल्स एवं नियम तो बने लेकिन अभी तक लागू नहीं किया। इन्हें वजह 5-9 हज़ार पर संघर्ष करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि राजस्थान में कोरोना काल मे कोविड जैसी महामारी मे भी कार्य सेवा देने वाले स्वास्थ्य मार्गदर्शक जीवनदायनी इमरजेंसी सेवा मे कार्य किया। जिस पर लोगो के स्वास्थ्य आपातकालीन स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना का नाम परिवर्तन होते रहे परंतु सरकार सिर्फ

