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पाली-पाली एससी-एसटी कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश निहालचंद
जैन ने एक दंपती की जमीन पर कब्जा करने और जातिगत प्रताड़ना के आरोप में दोषी साबित हुए तीन आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है।
कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक लादूराम मेवाड़ा ने बताया की पाली जिले के शिवपुरा क्षेत्र के झूपेलाल गांव में परिवादी केनाराम और उसकी पत्नी शांति देवी की कृषि भूमि हैं। जिस पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया। इसको लेकर उन्होंने 12 सितम्बर 2008 को सोजत न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद पेश किया था। और 15 सितंबर 2009 को शिवपुरा थाने में केस दर्ज कराया था। मामला जिला कलेक्टर पाली के पास पहुंचा तो उन्होंने भी पीड़ित कि जिस जमीन पर कब्ज़ा किया हुआ, वो कब्ज़ा हटवाकर, परिवादी दिलाने के आदेश दिए थे।
मामला कोर्ट में पिछले 15 साल से चल रहा था। आखिरकर 28 अक्टूबर को दोनो पक्षों के वकीलों की बहस और गवाहों के बयान के बाद पाली एससी- एसटी कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश निहालचंद जैन ने तीनों आरोपियों को पीड़ित की जमीन कब्जा करने का दोषी माना और मामले में अभियुक्त पेमाराम पुत्र कोजाराम, निवासी गुडा विश्नोईयान (लूणी) जोधपुर, हनुमानराम पुत्र माधुराम, निवासी गुड़ा विश्नोईयान लूणी, जोधपुर और गोपाल सिंह पुत्र डूंगरसिंह, गोदपुत्र पहाड़सिंह निवासी झूपेलाव (शिवपुरा) पाली को दोषी
मानते हुए 3-3 साल की सजा और जुर्माने की सजा सुनाई।
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