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पाली-पशुओं में तापाघात…..पशुओ को हिटवेव से बचाये-संयुक्त निदेशक – बुनकर
पाली, 20 मई। मनुष्यों की तरह पशुओं का शरीर बना होता है। पशुओं में थर्मोस्टेटिक मैकेनिज्म होता है,जो पशुओं के शरीर का तापमान नियंत्रित करता है।तेज गर्मी से पशु शरीर तापमान में विचलन होने पर पशु तापाघात का शिकार हो जाता है।
डा ओमप्रकाश बुनकर संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग पाली ने बताया कि जिसके मुख्य कारण इस प्रकार हैं ,तेज धूप में भी पशु से काम लेना, प्यासा रखना, ठंडक, छायादार स्थान पर नहीं रखना ,हरा चारे की कमी रखना ,टिन शैड में रखना,जो कि तेज गर्मी से गर्म होकर स्वयं नीचे गर्मी फेंकती है।
बचाव के लिए
तापाघात से बचाव के लिए पशुओं को बार -बार पानी पिलायें, ठंडा मौसम प्रदान करना, ठंडी, गीली बोरी शरीर पर डालना, बुखार निवारक औषध देना ,हरा चारा खिलाना आदि कर पशुओं को हीट वेव से बचाया जा सकता है। वर्तमान में प्रदेश में हीट वेव का प्रकोप है। हीट वेव की सामान्यजानकारी,बचाव,समय पर उचित उपचार, पशु पालन के लिए लाभदायक साबित हो सकती है।
जनहित में जारी।


