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पाली-पाली जिले से एक दिलचस्प मामला सामने आया है। यहां लोगों ने पुलिस-प्रशासन को हरकत में डाल दिया। किसी ने पुलिस को सूचना दे कि करीब 10-12 लोग एक नदी के बीच में स्थित पहाड़ी पर फंसे हुए हैं। उन्हें तुरंत मदद की जरूरत है। प्रशासन ने तुरंत इसकी गंभीरता को समझते हुए अपनी टीम भेजी। लेकिन वहां पहुंचने पर यह स्पष्ट हो गया कि वहां कोई भी नहीं फंसा हुआ था। बल्कि बारिश का पानी भरने से रास्ता ब्लॉक हो गया था। वहां कोई पहाड़ी भी नहीं थी।
सूचना पर मारवाड़ जंक्शन एसडीएम गौरीशंकर शर्मा, सिरियारी थानाप्रभारी गीतासिंह मय जाब्ता मौके के लिए रेस्क्यू टीम, बोरी मादा सरपंच प्रतिनिधि रमेश कुमार के साथ मौके पर पहुंचे तो फंसे होने की सूचना झूठी निकली।
थानाप्रभारी ने बताया कि पीड़ित के मकान के दोनों तरफ से गुजर रही नदियों में पानी आने से उनका आने-जाने का रास्ता ब्लॉक हो गया था। इससे वे परेशान हो रहे थे। धीरे-धीरे नदी का जलस्तर कम हो रहा है। जिससे रपट से भी पानी उतर रहा है।
दरअसल, मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के बोरी मादा चिड़िया की नाल क्षेत्र के दोनों तरफ बोरीमादा नदी और भमावतों को गुड़ा नदी बहती है। क्षेत्र में अच्छी बरसात होने से दोनों नदियों में पानी की अच्छी आवक हुई है। आज भी वहां बरसात हो रही है। ऐसे में दोनों नदियों की रपट से तेज गति से पानी बहने लगा। ऐसे में चिड़िया की नाल क्षेत्र में बसे तीन-चार परिवारों को दूसरे गांवों से संपर्क टूट गया। ऐसे में किसी ने सूचना दी कि तीन-चार परिवार वहां फंसे हुए हैं। जिन्हें रेस्क्यू की जरूरत है।
दो किमी चले पैदल
जानकारी मिलने पर पुलिस-प्रशासन की टीम और बोरी मादा सरपंच प्रतिनिधि खेतों से होकर करीब 2 किलोमीटर पैदल चल मौके पर पहुंचे तो स्थिति कुछ और मिली। यहां सभी परिवार के लोग सुरक्षित थे। बोरी मादा गांव और भमावतों को गुड़ा नदी में पानी की अच्छी आवक होने से दोनों रपटों पर पानी की चादर चलने लगी। ऐसे में चिड़िया की नाल क्षेत्र में रहने वाले कुछ परिवारों का दूसरे गांव से कनेक्शन कट गया। सभी परिवार सुरक्षित हैं।