PALI SIROHI ONLINE
पाली-प्रयागराज में गुम हुई पाली की 70 साल की प्यारी देवी शुक्रवार को अपने घर पाली पहुंचीं। कुंभ में गुम हुई प्यारी देवी ने राजपूती पोशाक देख कुछ लोगों से मदद मांगी थी। ये आबूरोड (सिरोही) के रहने वाले श्रद्धालु थे। उन्होंने कहा कि हम आपको पाली पहुंचाएंगे।
बस से उन्हीं के साथ प्यारी देवी लौटी। शुक्रवार को हाईवे पर वे उतरी। साथ ही आबूरोड के श्रद्धालु भी विदा देने उतर गए। यहां पहले से प्यारी देवी के रिश्तेदार और मोहल्लेवासी उनका इन्तजार कर रहे थे। अपनों को देख कर प्यारीदेवी की आंखें भर आईं। गले मिलकर खूब रोईं।
उन्हें प्रयाग से लाने वाले राजपूत समाज के लोगों की ओर इशारा करते हुए बोलीं- ये नहीं होते तो न जाने में कब पाली पहुंचती। प्यारी देवी के रिश्तेदारों ने उन्हें प्रयागराज से पाली सकुशल पहुंचाने वाले राजपूत समाज के लोगों का भी दिल से आभार जताया।
कुंभ नहाकर निकली थी, भगदड़ के कारण पीछे रह गई
प्यारी देवी ने बताया- मैं कुंभ नहाकर निकली थी। भीड़ ज्यादा होने के कारण सभी को एक घंटे तक रोक दिया गया। फिर चले तो मैं पीछे रह गई। मोबाइल फोन भी नहीं था। पुलिसवालों को देखा तो उनके पास मदद के लिए गई। पूरी कहानी बताई। उन्हें बताया कि बस कहां खड़ी है। बस तक पहुंचाने का निवेदन किया।
लेकिन तीन घंटे बैठाए रखने के बाद भी उन्होंने कुछ नहीं किया। ऐसे में राजपूती पोशाक पहने कुछ महिलाओं को देखा। मदद के लिए उनके पास गई और परेशानी बताई। महिलाओं ने कहा- हम आबूरोड (सिरोही) जा रहे हैं। आपको भी अपने साथ बस में बिठाकर ले जाएंगे।
उन्होंने मेरा एड्रेस लिया और पाली में रहने वाले अपने रिश्तेदार के जरिए जानकारी जुटा कर वीडियो कॉल कराया। बताया कि प्यारीदेवी सकुशल हैं। चिंता न करें।
पाली पहुंचने पर फूलमालाओं से लादा, ढोल बजाकर किया स्वागत
शुक्रवार दोपहर को आबूरोड के लोग प्रयागराज से आते समय हाईवे पर ट्रांसपोर्ट नगर के निकट रुके और वहां पहले से तैयार खड़े प्यारीदेवी के रिश्तेदार को प्यारीदेवी को सौंपा। इस दौरान अपनों को देख प्यारीदेवी की आंखें नम हो गई। प्यारीदेवी के रिश्तेदारों ने भी उन्हें यहां तक सकुशल लोन वाले लोगों का फूलमाला पहनाकर बहुमान कर धन्यवाद दिया।
इस मामले में पाली जिले के विरमपुरा (नाना) निवासी विक्रमसिंह सोलंकी और आबूरोड निवासी सुरेश सैन ने बताया- हम 40 जने 27 जनवरी को प्रयागराज बस लेकर रवाना हुए थे। हमारे ग्रुप की महिलाओं को प्यारीदेवी मिली और अपनी कहानी बताई। इस पर उन्हें अकेला देख उनकी मदद की। अपने साथ बस में बैठाया और इनके परिजनों का पता लगाकर शुक्रवार दोपहर को पाली में सौंपा।
यह है मामला
पाली के मंडिया रोड शिव नगर में रहने वाली 70 साल की प्यारीदेवी पत्नी मोहनलाल सरगरा अपने मोहल्ले के करीब 30 लोगों के साथ प्रयागराज में स्नान के लिए बस से 24 जनवरी को रवाना हुई थी। उन्हें वापस 30 जनवरी को आना था। लेकिन वहां भीड़ में प्यारीदेवी अपने ग्रुप से बिछड़ गई। फिर उन्हें आबूरोड के कुछ लोग मिले जो प्रयागराज में कुंभस्नान के लिए गए थे। वे अपने साथ बस में बिठाकर उन्हें लाए और शुक्रवार सुबह पाली छोड़ा।

