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पाली-पाली DIG प्रदीप मोहन शर्मा ने स्टूडेंट्स को राजकॉप सिटीजन ऐप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऐप में महिला सुरक्षा के लिए मदद चाहिए (Need Help) का फीचर दिया गया है। इसमें आपात स्थिति में सहायता व गैर आपात स्थिति में सहायता की दो तरह की सुविधाएं दी गई हैं।
कोई लड़का आपको छेड़ रहे है, गंदे कमेंट कर रहे है या पीछाकर रहे है तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अपने मोबाइल में पुलिस का राजकॉप सिटीजन एप डाउनलोड कर के रखना है। जिसमें Need help बटन प्रेस करते ही आपकी लोकेशन पुलिस तक पहुंच जाएगी। आप अपनी समस्या टाइप करके या बोल कर ऐप के जरिए पुलिस तक पहुंचा सकेगी और लोकेशन मिलती ही पुलिस तुरंत आपकी हेल्प के लिए मौके पर पहुंच जाएगी ताकि आपके साथ किसी तरह की अनहोनी न हो।
अक्सर देखा जाती है कि किसी भी तरह की समस्या होने पर महिलाओं और बालिकाओं को थाने तक जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब राज्य सरकार ने पुलिस के राजकॉप सिटीजन ऐप में वूमन सेफ्टी के तहत ‘नीड हेल्प नाम का नया फीचर लोड कर दिया है। जिसके जरिए महिलाएं-बालिका मुसीबत में होने पर ऐप के जरिए पुलिस मदद मांग सकती है। जिससे तुरंत उनकी लोकेशन मिलते ही पुलिस उनकी मदद के लिए वहां पहुंचेगी
आपात स्थिति में सहायता
आपात स्थिति में सहायता के लिए जब भी किसी महिला की ओर से रिक्वेस्ट की जाती है तो कन्ट्रोल रूम को नोटिफिकेशन जाता है। कन्ट्रोल रूम पर कार्यरत पुलिसकर्मी के नोटिफिकेशन स्वीकृत करने पर इसकी सूचना पीड़ित को ऐप पर दिखाई देती है। इसके बाद पीड़ित को कॉल कर समस्या पता की जाती है। अगर पीड़ित फोन नहीं करने का मैसेज रिक्वेस्ट के साथ भेजता है तो ऐसी स्थिति में लोकेशन पर मदद पहुंचाने की कार्रवाई की जाती है।
जिले के अभय कमांड सेंटर को सूचना भिजवाई जाती है। इसके आधार पर पीड़ित की लोकेशन पर उस जिले के संबंधित थाने को पहुंच जाती है। थाना पुलिस या नजदीकी वाहन 112 पीड़ित की लोकेशन पर पहुंच मदद पहुंचाता है। वाहन 112 की लोकेशन पीड़ित एप पर ट्रैक वाहन की सहायता से देख सकता है। ऐप पर हेल्प मांगने के बाद पीड़ित के पास पुलिस की गाड़ी पहुंचने तक की सभी जानकारी ऐप पर दी जाती है। जरूरी सहायता मिलने के बाद पुलिस कर्मी रिक्वेस्ट बन्द कर देता है। मदद प्राप्त हो जाने पर पीड़ित स्वयं भी रिक्वेस्ट बन्द कर सकता है।
गैर- आपातकालीन स्थिति में भी मदद
मदद चाहिए (Need Help) के Non- Emergency Help पर क्लिक कर किसी महिला बालिका की ओर से रिक्वेस्ट की जाती है। उस स्थिति में नोटिफिकेशन को कंट्रोल रूम का पुलिसकर्मी स्वीकृत कर पीड़ित को कॉल कर समस्या पता करता है। समस्या सुनने के बाद तुरंत संबंधित थाने को सहायता उपलब्ध कराने के लिए कॉल करता है। शिकायत होने की स्थिति में कंट्रोल रूम कर्मचारी शिकायत प्राप्त कर सीसीटीएनएस में इन्द्राज कर सम्बन्धित थाने को वह शिकायत जांच के लिए भेज देता है। जांच के बाद जो भी कार्रवाई होती है थाना पुलिस द्वारा कॉल कर कंट्रोल रूम को दी जाएगी।
DIG बोले- टीम गठित, 5 हजार महिलाओं-बालिकाओं में ऐप डाउनलोड करवाने का लक्ष्य
मामले में DIG प्रदीप मोहन शर्मा ने बताया कि मुख्यालय से मिले आदेशानुसार एक टीम का गठन किया गया है। जिसमें ASI ओमप्रकाश चौधरी, कांस्टेबल विक्रम, प्रकाशचंद को शामिल किया गया है। जो 13 से 25 दिसम्बर तक पाली संभाग के सभी जिलों में कॉलेज, स्कूल आदि जगह जाकर महिलाओं-बालिकाओं को राजकॉप सिटीजन ऐप के बारे में बताएंगे कि किस तरह वे ऐप के जरिए मुसीबत में होने पर पुलिस सहायता मांग सकती है। उन्होंने बताया कि 25 दिसम्बर तक पाली संभाग में 5 हजार महिलाओं-बालिकाओं के मोबाइल में ऐप डाउनलोड करवाने का लक्ष्य मिला है। अभी तक दो हजार से ज्यादा ऐप डाउनलोड करवाएं जा चुके है।