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पाली-पाली शहर के शिवाजी नगर में एक बेटी ने बेटे का फर्ज निभाते हुए पिता के देवलोक गमन होने पर उनकी देह को अग्नि देने की रस्म निभाई।
शहर के शिवाजी नगर में रहने वाले 74 नंदकिशोर वैद्य (सैन) के एक पुत्री ही है। उनके कोई पुत्र नहीं है। वैद्य का निधन होने पर उनकी बेटी प्रेमलता वैद्य और दोहिती प्राची सैन ने सभी संस्कार पूरे किए। उन्होंने पुत्र के समान पिता की अर्थी को कांधा दिया। पिता को श्मशाम भूमि में मुखाग्नि दी। वैद्य ने बेटी को सदैव बेटे के समान ही माना। क्षेत्र के पंकज ओझा ने बताया कि उनके पुत्र नहीं होने पर बेटी ने सभी संस्कार करने की इच्छा जताई तो सभी समाजबंधुओं व परिजनों ने उसे बेहतर मानते हुए संस्कार करवाए। उन्होंने बताया कि वैद्य पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें अस्थमा की समस्या थी। वे दूध की डेयरी और जनरल स्टोर चलाते थे।