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पाली। परशुराम महादेव तीर्थ सरकारी अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार,राज्य सरकार ने बाली विधायक पुष्पेंद्र सिंह राणावत के प्रयासों से पुल के लिए 45 लाख स्वीकृत किए थे, विधायक राणावतव की मंशा भी यही रहती है कि सभी स्वीकृत कार्य ततपरता समय पर ओर गुणवत्ता पूर्वक हो, पर अब विभाग कहता है बारिश के बाद बनाएंगे जब कि 11जुलाई से लगेगा सावन ,सावन व भादवा माह में मेला जहा 30 लाख श्रद्धालु आते हैं, परशुराम महादेव के दर्शन को
जहां पुल बनने वाला हे वहा अब तक 8 श्रद्धालु बह चूके हैं
प्रदेश की जन्नत व राजस्थान का अमरनाथ भगवान परशुराम महादेव की तपोस्थली पाली जिला प्रशासन की उपेक्षा की शिकार है। 11जुलाई को सावन मास में भगवान परशुराम महादेव का मेला वहीं भादवा में रामदेवजी का मेला इन दो माह में 30 से 35लाख श्रद्धालु यह शीश नवाने आते हैं इतनी अत्यधिक तादाद में यहां श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं ।परशुराम महादेव तीर्थ पाली ब राजसमंद जिलों की सीमा में अरावली के शीर्ष पर स्थित है जोधपुर मेहरानगढ़ जांच आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जसराज चोपड़ा ने भी यहां मेले की व्यस्था का लाइव जायजा लेकर राज्य सरकार ,पाली व राजसमंद जिला प्रशासन पर सख्त टिप्पणी करते हुआ कहा था कि भगवान परशुराम महादेव ही अपने भक्तों की सुरक्षा करते हैं भगवान भोले के भरोसे ही भक्त हैं उन्होंने भगवान परशुराम महादेव के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एक रिपोर्ट बनाकर भारत सरकार,राज्य सरकार,पाली व राजसमंद जिला कलेक्टर,दोनों जिलों के उपखंड अधिकारी, तीनों ट्रस्टों को रिपोर्ट भेजी थी आज दिन तक इस पर कार्यवाही तो होना दूर उल्टा प्रशासन ने चोपड़ा आयोग की रिपोर्ट को डस्टबीन में डाल दिया।
सादड़ी से परशुराम महादेव की टूटी फूटी रोड,एक रपट जिस पर करीब 8 श्रद्धालु बह चुके हैं। विधायक पुष्पेंद्र सिंह राणावत की अनुसंसा पर भजन लाल सरकार ने 45 लाख रुपए इस रपट पर पुल बनाने के लिए स्वीकृत किए है पर सार्वजनिक विभाग का अधिकारी कहते हे कि पुल बारिश के बाद बनेगा पुल जब श्रद्धालुओं के काम नहीं आएगा तो क्या काम का आज के नेताओं की हिम्मत नहीं है कि वो इन अधिकारियों पर दबाव डाल के पूछ सके कि आप क्या कह रहे हो।
कुंड से अमरगंगा व अमरगंगा से गुफा तक बिना सुरक्षा दीवार व नहीं सीमेंट रोड है भगदड़ मचने पर भारी जनहानि की प्रबल संभावना है।मेले से पूर्व मेले की तैयारी को लेकर आयोजित बैठक जिला व उपखंड मुख्यालय पर एसी ऑफिस में आयोजित होती है और वो भी मेले के ऐन वक्त पर जबकि यह बैठके परशुराम महादेव तीर्थ स्थल पर आयोजित हो तो अधिकारियों को यहां की सही स्थिति का आभास हो।
क्या पाली जिला प्रशासन सावन से पूर्व सादड़ी से परशुराम महादेव तक 12किलोमीटर सड़क बनाएगा,क्या पाली जिला प्रशासन सावन से पूर्व राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत पुल बनाएगा यदि पुल के अभाव में कोई श्रद्धालु बह गया या कोई जनहानि हुई तो प्रशासन इसकी जिम्मेदारी लेगा
-मौत की वो रपट जिस पर हर साल श्रद्धालु भी जाते है
परशुराम महादेव रोड पर मौत की एक रपट हैं जिसको पार करते वक्त अचानक जलस्तर बढ़ने से श्रद्धालु बह जाते है।परशुराम महादेव गुफा स्थल के लेफ्ट साइड की पर्वत श्रृंखलाएं जो मेवाड़ व मारवाड़ में है बारिश अत्यधिक बारिश के अभाव में जब श्रद्धालु रपट को पर करते हैं तब अचानक जल स्तर बढ़ जाता है व श्रद्धालु बह जाते है अब तक करीब 10श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं राज्य की भाजपा सरकार ने रपट पर पुल बनाने व घाट सेक्शन में रोड की दोनों तरफ की पटरियां सीमेंटेड करने के लिए 45 लाख रुपए 8 माह पूर्व स्वीकृत किए थे लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग ने न तो इसका टेंडर निकाला व नहीं वर्क ऑर्डर जारी किया अपनी नाकामी को छिपाने के लिए अब कह रहे हैं कि बारिश के बाद काम शुरू करेंगे ऐसे लापरवाह अधिकारी प्रदेश की भाजपा सरकार की किर किरी करवा रहे जब की सरकार ने तो बजट जारी भी कर दिया।
विभाग के अधिकारी ने तो जानकारी मांगने पर हमे खबर भेजने सुरेश रावल का फोन काट कर नंबर ही ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया। 11 जुलाई से सावन माह लगेगा सावन व भादवा दो माह में करीब 30से35लाख श्रद्धालु भगवान परशुराम महादेव के दर्शन को यहां आते हैं बारिश में अब यदि कोई जनहानि हुई तो सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
=तीनों ट्रस्ट मौन
परशुराम महादेव तीर्थ की व्यस्था संभालने वाले तीनों ट्रस्ट मंडलों परशुराम महादेव कुंड धाम ट्रस्ट, अमर गंगा ट्रस्ट,परशुराम महादेव सेवा मंडल ट्रस्ट उदा वड़ केलवाड़ा ने भी चुप्पी साध रखी है
बाली व कुंभलगढ़ दोनों भाजपा के विधायक
परशुराम महादेव तीर्थ बाली व कुंभलगढ़ विधानसभा में आता है दोनों जगह भाजपा के विधायक हैं बाली विधायक पुष्पेंद्र सिंह राणावत के प्रयासों से हुई थी स्वीकृति पर अधिकारियों की उदासीनता से कार्य शुरू नही हुआ, प्रदेश व केंद्र में भी डबल इंजिन की सरकार हैं फिर भी यह तीर्थ सरकारी व प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार बना हुआ है

यहां रोपवे लग जाए व चोपड़ा आयोग की रिपोर्ट में बताए सुरक्षा उपाय करने को लेकर बाली विधायक पुष्पेंद्र सिंह राणावत प्रयास रत है ताकि प्रदेश का प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थल बन के उभर सकता है यह तीर्थ स्थल






