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सुरेश कुमावत नाणा
पाली-पंचायतराज व नगरीय निकाय चुनाव तत्काल करवाने की मांग।
पाली, 27 अक्टूबर 2025. कांग्रेस नेता व पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष यशपाल सिंह कुम्पावत ने आज मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर लक्ष्मीनारायण मंत्री को ज्ञापन सौंपकर पंचायतराज व नगरीय निकाय चुनाव तत्काल करवाने की मांग की है।
कांग्रेस नेता व पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष यशपाल सिंह कुम्पावत ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताया कि राजस्थान में लोकतंत्र की बुनियाद को जानबूझकर या अनिर्णय की स्थिति में कमजोर किया जा रहा है। कुम्पावत ने ज्ञापन में बताया कि यह अत्यंत चिंता का विषय है कि प्रदेश की समस्त जनता का प्रतिनिधित्व करने वाली ग्रामीण और शहरी स्थानीय सरकारों (पंचायतीराज संस्थाओं और नगरीय निकायों) का कार्यकाल समाप्त हुए एक लंबा समय बीत चुका है।
संवैधानिक बाध्यता के बावजूद, इन संस्थाओं के चुनाव नहीं कराए गए हैं और वर्तमान में ये सभी संस्थाएँ ‘प्रशासक राज’ के अधीन हैं। यह लोकतंत्र का स्पष्ट उपहास है। कुम्पावत ने बताया कि सरकार इन चुनावों को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation, One Election) की अवधारणा के नाम पर टाल रही है। यह तर्क न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि संवैधानिक रूप से भी अवैध है।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा, जिस पर अभी केवल बहस जारी है और जो कानून नहीं बनी है, का संबंध लोकसभा और विधानसभा चुनावों से है। इसका स्थानीय पंचायत राज चुनावों व निकाय चुनावों से कोई सीधा संबंध नहीं है। कुम्पावत ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में बताया कि पंचायतीराज और नगरीय निकाय, भारतीय संविधान की किसी साधारण व्यवस्था का हिस्सा नहीं हैं। ये 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधन की देन हैं, जिन्हें स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की ‘सत्ता के विकेंद्रीकरण’ की दूरदृष्टि के तहत लाया गया था। संविधान का अनुच्छेद 243(E) और 243(U) स्पष्ट रूप से यह ‘बाध्यता’ (Mandate) आरोपित करता है कि हर पांच वर्ष में इन संस्थाओं का चुनाव कार्यकाल समाप्ति से पूर्व संपन्न हो जाना चाहिए। इन अनुच्छेदों में ‘One Nation, One Election’ या किसी अन्य कारण से चुनाव टालने का कोई प्रावधान नहीं है।
कुम्पावत ने बताया कि आज राजस्थान के गाँवों और शहरों में विकास कार्य ठप हैं। जनता की सुनवाई बंद है। प्रशासक, जो एक निर्वाचित प्रतिनिधि का विकल्प कभी नहीं हो सकता, दफ्तरों से शासन चला रहे हैं। यह उस ‘स्व-शासन’ (Self-Governance) की मूल भावना के विरुद्ध है, जिसे संविधान ने स्थापित किया था। यह ‘अनिर्णय’ नहीं, यह संविधान की आत्मा पर प्रहार है।
कुम्पावत ने ज्ञापन में मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस संवैधानिक गतिरोध और ‘भ्रम’ की स्थिति को तत्काल समाप्त करें।
कांग्रेस नेता व पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष यशपाल सिंह कुम्पावत ने कहा कि सरकार का ‘राजधर्म’ है कि वह संवैधानिक व्यवस्थाओं का पालन करे।
और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के अप्रासंगिक तर्क को दरकिनार करते हुए, राजस्थान में पंचायतीराज एवं नगरीय निकाय चुनावों की तिथियों की घोषणा तत्काल करने का कष्ट करें, ताकि लोकतंत्र की जड़ें पुनः सिंचित हो सकें।
