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पाली-घर से स्कूल के लिए निकली नाबालिग का अपहरण कर ले जाकर उससे रेप करने के 11 साल पुराने मामले में शनिवार को पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या 2 के जज जगदीश जाणी ने फैसला सुनाया। जिसमें आरोपी रामावतार को दोषी मानते हुए 10 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई।
पाली पॉक्सो कोर्ट संख्या दो के विशिष्ट लोक अभियोजक नवरतन अग्रवाल ने बताया- ब्यावर जिले के एक थाने में 24 मार्च 2013 एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। जिसमें बताया कि उसकी नाबालिग भतीजी सुबह घर से स्कूल निकली थी। लेकिन स्कूल की छुट्टी होने के बाद भी घर नहीं लौटी। स्कूल जाकर पता किया तो सामने आया कि वह स्कूल भी नहीं आई थी। पुलिस ने मामला दर्जकर जांच शुरू की तो सामने आया कि नाबालिग से रामावतार पिछले काफी समय से फोन पर बात कर रहा था और उसे झांसे में लेकर उसका अपहरण कर अपने साथ ले गया। मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा।
मामले में शनिवार 5 अक्टूबर 2024 को पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या दो के जज जगदीश जाणी ने सुनवाई की। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस और गवाहों के बयान सुनने के बाद उन्होंने टोंक जिला निवासी हाल भीलवाड़ा निवासी अभियुक्त रामावतार पुत्र नारायण को नाबालिग के अपहरण और रेप का दोषी मानते हुए 10 साल के कठोर कारावास और 50 हजार के जुर्माना की सजा सुनाई। पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता भागीरथ सिंह राजपुरोहित ने पैरवी की।