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पाली। मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए जिले में किए गए प्रयास से पाली राज्य स्तर पर प्रथम एवं राज्य के टॉप 5 ब्लॉक में 5 पाली के:- डॉ.मारवाल, सीएमएचओ ने पत्रकार वार्ता में दी मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं बचाव के बारे में जानकारी।
पाली, 01 अक्टूबर 2024/
पाली सीएमएचओ डॉ.विकास मारवाल ने कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए आमजन को सजग एवं जागरूक रहना होगा। आमजन की सजगता एवं जागरूकता से ही मौसमी बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है।
वे मंगलवार को पाली में मौसमी बीमारियों के बचाव एवं नियंत्रण की रोकथाम के संबंध में आयोजित पत्रकार वार्ता में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पाली जिले में पिछले दिनों मौसमी बीमारियों को लेकर लगातार एंटीलार्वल गतिविधियां संपादित की जा रही है। इसी का सुखद परिणाम है कि पाली जिले में मौसमी बीमारी का प्रकोप नहीं है।
उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों को लेकर पाली जिले की स्थिति अन्य जिलों से बेहतर है। उन्होंने कहा कि राज्य की ओर से बनाए गए मरूधर एप्प से किए गए सर्वे में पाली जिला प्रथम स्थान पर है। उन्होंने मरूधर एप के बारे में बताया कि मरूधर एप के एप्लीकेशन के द्वारा मौसमी बीमारियों को लेकर इस एप से स्वास्थ्य कर्मी के माध्यम से सर्वे किया गया। सर्वे में टीम घरों तक जाकर जिओ टेकिंग रियल टाइम में एंटीलार्वल एक्टिविटी को अंजाम दिया जाता है।
पाली जिले में भी चिकित्सा विभाग की टीमों ने इस एप से अब तक करीब 10 लाख घरों का सर्वे किया है। ये सर्वे राज्य में पाली जिले के 5 ब्लॉक टॉप में से 5 ब्लॉक पाली के है। इतना ही नहीं टॉप टेन में भी पाली जिले के 6 ब्लॉक रहे है। खारची ब्लॉक पूरे राजस्थान में प्रथम है।
उन्होंने कहा कि पाली जिले में पिछले दिनों 4 अगस्त को हुई भारी बारिश के बाद दो राउंड चिकित्सा विभाग की ओर से दो बार एंटीलार्वल एक्टिविटी संपादित करवाई गई है।
इसी का सुखद परिणाम यह रहा कि मौसमी बीमारियों में जितनी वृ़द्धि होनी चाहिए वह नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि पाली जिले में वर्तमान में 1460 चिकित्सा विभाग की टीमें एंटीलार्वल गतिविधियों को अंजाम दे रही है। उन्होंने बताया कि बारिश के बाद गढों में जमा पानी में ऑयल बॉल्स डालने का प्रयोग भी पाली जिले में सर्वप्रथम हुआ जो काफी कारगर एवं सफल साबित हुआ है। ऑयल बॉल्स जहां भी डाली गई वहां पानी में ऑयल की लेयर बन गई तथा वहां पर लार्वा को पनपने नहीं दिया है। कुल 19 हजार ऑयल बॉल्स डाली गई है।
उन्होंने बताया कि पाली जिले में सितंबर 2023 सितंबर तक डेंगू के कुल 157 केस मिले थे। मगर इस बार विभाग की ओर से की गई एंटीलार्वल एक्टिविटीज के कारण सितंबर 2024 तक डेंगू के 26 केस ही मिले है। चिकित्सा विभाग की ओर से पिछले दिनों की गई एंटीलार्वल गति.विधियों का ही परिणाम रहा है।
उन्होंने कहा इस गतिविधियों के तहत इस बार कोई भी घर सर्वे से वंचित नहीं रहे, इसके लिए सर्वे की टीमों द्वारा घरों के बाहर चॉक से मार्किंग भी करवाई गई तथा प्रभारी नोडल अधिकारी से क्रॉस वेरिफिकेशन करवाया गया। ताकि पता चल सके कि कौनसा घर सर्वे से वंचित रहा। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए आमजन को सजग एवं जागरूक रहना होगा। आमजन की सजगता एवं जागरूकता से ही मौसमी बीमारियों पर काबू पाया जा सकता हैं। उन्होंने पत्रकारों से मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सहयोग की अपील की है।
उन्होंने मलेरिया डेंगू फैलाने वाले मच्छर के बारे में विशेष जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया / डेंगू मच्छर वर्षाऋतु के दौरान बहुतायत से पाये जाते हैं।
यह मच्छर प्रायः घरों, स्कूलों और अन्य भवनों में तथा इसके आस-पास एकत्रित खुले एवं साफ पानी में अण्डे देते हैं। मलेरिया / डेंगू फैलाने वाले मच्छर प्रायः दिन में ही काटते हैं।
उन्होंने मलेरिया/डेंगू बुखार के लक्षण के बारे में बताया कि अचानक तेज बुखार होना, सिर में आगे की ओर तेज दद, आंखों के पीछे व आंखों के हिलने से दर्द,मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, स्वाद का पता न चलना व भूख न लगना, छाती व ऊपरी अंगों पर खसरे जैसे दाने, चक्कर आना, जी घबराना व उल्टी आना है। उन्होंने डेंगू से बचाव के बारे में भी बताया। इस अवसर पर एडीशनल सीएमएचओ डॉ.विरेन्द्र चौधरी, डिप्टी सीएमएचओ डॉ.विजेन्द्र पाल सिंह चूंडावत, डॉ.सतीश पूनिया, एपिडेमियोलोजिस्ट डॉ.अंकित माथुर, एएनएम प्रशिक्षण केंद्र के प्रिंसीपल केसी सैनी, डीपीओ भवानीसिंह, डीपीसी रामप्रकाश गढ़वाल व नंदलाल शर्मा भी उपस्थित रहे।