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पाली/पाली के एक सरकारी स्कूल में सांसद खेल महोत्सव के दौरान 9 बच्चियों की तबीयत बिगड़ गई। इनमें से चार को बांगड़ हॉस्पिटल लाया गया, जहां इनका इलाज चल रहा है।
मामला मंगलवार को जिले के निम्बली उड़ा गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल का है। बताया जा रहा है कि मैच के बाद इन्होंने पानी पिया था। इसके बाद इन्हें चक्कर आन लगे और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। मामले में एसडीएम विमलेंद्र सिंह राणावात का कहना है कि सभी स्टूडेंट की हालत अब खतरे से बाहर है।
खो-खो मैच के बाद पानी पिया, फिर बिगड़ने लगी तबीयत
जानकारी के अनुसार स्कूल में सांसद खेल महोत्सव के तहत खो-खो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। यहां निम्बली उड़ा और बागड़िया के दो गर्ल्स टीम के बीच मुकाबला था।
मैच खत्म होने के बाद 9 खिलाड़ियों ने पानी पिया। इसके कुछ देर बाद ही इन सभी की तबीयत बिगड़ी और चक्कर आने लगे। कुछ बच्चियों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी।
इस पर वहां हड़कंप मच गया। इसके बाद स्कूल स्टाफ चार बच्चियों को बांगड़ हॉस्पिटल लेकर पहुंचा। इस मामले में परिजनों ने स्कूल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
वहीं बच्चियों का इलाज कर रहे डॉ. सुखदेव सिंह ने का कहना है कि फूड पॉइजनिंग जैसा मामला नहीं है। इनका इलाज किया जा रहा है, जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि इनकी तबीयत क्यों बिगड़ी।
स्टूडेंट बोली- अचानक सांस फूलने लगी और चक्कर आने लगे
घायल छात्रा दिशा ने बताया कि खो-खो का मैच था। हम खाना खाकर घर से आए थे। खेलने लगे तो मेरी सांस फूलने लगी। इसके बाद क्लास रूम में आकर बैठी तो चक्कर आने लगे। इसके बाद पता नहीं क्या हुआ।
वहीं मामले में स्कूल की प्रिंसिपल नीलम जाजू ने बताया कि सांसद खेल महोत्सव के टूर्नामेंट था। आशंका है कि डी-हाइड्रेशन से 9 छात्राओं की हालत बिगड़ी थी, इनमें से पांच की हालत सही थी। 4 छात्राओं को इलाज के लिए बांगड़ हॉस्पिटल लाया गया है। उनकी हालत भी खतरे से बाह रहे।इनमें से निम्बाड़ा गांव निवासी स्टूडेंट खुशबू पुत्री बाबूलाल, निम्बली उर्रा गांव निवासी निशा पुत्री बुधाराम, निम्बली उर्रा निवासी दिशा पुत्री तुलसीदास और नीतू पुत्री जयराम की तबीयत बिगड़ गई। जिन्हें इलाज के लिए पाली के बांगड़ हॉस्पिटल लाया गया। सभी की हालत खतरे से बाहर है। हॉस्पिटल में स्टूडेंट की स्थिति देखने कांग्रेस नेता महावीर सिंह राजपुरोहित, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील भंडारी भी पहुंचे।
परिजन ने लगाया स्कूल पर लापरवाही का आरोप
मामले दीक्षा के परिजन श्यामदास ने आरोप लगाया कि घटना के बाद करीब आधे घंटे तक बच्ची बेहोशी की हालत में रही लेकिन स्कूल स्टाफ उन्हें अपनी कार में बांगड़ हॉस्पिटल नहीं लाया। एम्बुलेंस का इंतजार करता रहा।
