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पाली-पाली में एक नाबालिग का अपहरण कर उससे रेप करने के मामले में 22 वर्षीय आरोपी को कोर्ट ने दोषी मानते हुए आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई। इस ऑर्डर में खास बात यह रही कि पाली के पोस्कोकोर्ट संख्या दो के जज ने एक-दो नहीं 04 कमेंट कर बताया कि सदियों से भारत देश में नारी की पूजा होती आ रही है। इसलिए नारी के खिलाफ अपराध करने वाला क्षमा का नहीं कठोर दंड का भागीदार होता है। उसके प्रति किसी तरह की दया नहीं दिखाई जा सकती।
पाली के पोस्कोकोर्ट संख्या दो के विशिष्ठ लोक अभियोजक मनीष ओझा ने बताया कि ब्यावर जिले के जैतारण थाने में 24 फरवरी 2025 को रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 23 फरवरी को वह अपनी पत्नी के साथ काम पर गया था। दोपहर को वापस आया तो घर पर उनकी नाबालिग बेटी नहीं थी। शाम करीब सात बजे उनकी बेटी का एक मोबाइल नंबर से कॉल आया कि मैं घर आ रही हूं। फिर फोन बंद हो गया। रिपोर्ट में मनोहर नाम के युवक पर उसकी बेटी का अपहरण करने का शक जाहिर किया था।
पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को 12 मार्च 2025 को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।
मामले में 31 अक्टूबर 2025 को पाली के पोस्को कोर्ट संख्या दो के न्यायाधीश निहालचंद ने दोनों पक्षों के वकीलों की बहस वह गवाहों के बयान सुनने के बाद अभियुक्त मनोहर को नाबालिग के अपहरण और रेप करने का दोषी माना और आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई।
फैसले में लिखा अभियुक्त आदतन अपराधी
अपने फैसल में न्यायाधीश ने लिखा कि पुलिस जांच में सामने आया कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। उनके खिलाफ पूर्व में जैतारण, सांडेराव थाने में 8 प्रकरण दर्ज है। अभियुक्त का अपराधक चरित्र है। इसे उचित दंड नहीं दिया गया तो अपराधों में बढ़ोत्तरी होगी और समाज में गलत संदेश जाएगा।
