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पाली-दीपावली पर्व को लेकर चल रहे असमंजस को लेकर जिले के विद्वान ज्योतिषाचार्य की बैठक सोमवार को हुई। कर्मकांडी पंडितों व ज्योतिषाचार्यों की सर्व सम्मति से 1 नवंबर का दिन तय किया। इस दिन सुबह 6.57 बजे सूर्योदय के साथ अमावस्या लगने के कारण, इसी तिथि की गोधुली वेला में दीपावली पर्व मनाने का निर्णय लिया है। ज्योतिषाचार्य प्रवक्ता पंडित मनीष ओझा ने बताया कि पंडित राधाकृष्ण शर्मा के आवास पर प्रबुद्ध व वयोवृद्ध ज्योतिषाचार्य एकत्रित हुए। जहां शास्त्र सम्मत वर्णित स्थितियों के साथ दीपावली मनाने को लेकर चर्चा की गई। अध्यक्षता ज्योतिषाचार्य व ब्रह्मविद मोतीलाल व्यास ने की। पंचांग व शास्त्रों में वर्णित तर्कों के साथ दीपोत्सव का पर्व 1 नवंबर को मनाए जाने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है।
जो 1 नवंबर को सुबह 6.57 बजे सूर्योदय के साथ शुरू हो रही है और सूर्यास्त 6.17 बजे तक रहेगी। इस दौरान गोधुली वेला में सनातनधर्मी दीपावली पर्व मना सकते हैं। बैठक में ज्योतिष शंभूलाल शर्मा, कर्मकांडी आचार्य विशाल जोशी, पंडित मोतीलाल, पंडित संजय अवस्थी, पंडित महेश दवे, पंडित संजय ओझा, पंडित नवीन तिवारी, पंडित हर्ष शर्मा, पंडित चैतन्य भट्ट, पंडित प्रेम कुमार शर्मा, पंडित सुंदरलाल जोशी मौजूद रहे।