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पाली-NGO के मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के हॉस्टल में 8 साल की बच्ची रस्सियों से बंधी मिली। सूचना पर पहुंची टीमों ने उसकी रस्सियां खुलवाई और बाल कल्याण समिति (CWC) को सौंप दिया।जब अधिकारियों ने मामले में हॉस्टल NGO संचालक से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा- बच्ची मानसिक रूप से कमजोर है और दूसरे बच्चों पर हमला कर देती थी। ऐसे में, उसके हाथ बांधने पड़े।
मामला पाली के हाउसिंग बोर्ड इलाके में चल रहे एक NGO का गुरुवार दोपहर 2 बजे का है।
डिप्टी CMHO ने बताया- एक शिकायत पर हम यहां हॉस्टल में पहुंचे थे। इस दौरान बच्ची रस्सियों से बंधी हुई मिली। मेरे साथ थाने के औद्योगिक नगर SHO और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी भी थे। मामले में NGO के खिलाफ जांच की जा रही है।
बच्ची के हाथ बंधे मिले
डिप्टी CMHO ने बताया- निरीक्षण के दौरान टीम को बच्ची के हाथ रस्सी से बंधे मिले। NGO संचालक ने कहा- बच्ची मानसिक रूप से कमजोर है, ज्यादा समझती नहीं। दूसरे बच्चों पर हमला कर देती है। खुद को भी नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए सुरक्षा के लिए उसके हाथ बांधने पड़े। अधिकारियों ने इस तर्क पर आपत्ति जताई और स्पष्ट किया कि ऐसा व्यवहार बाल अधिकारों का उल्लंघन माना जा सकता है।CWC को सौंपा
इसके बाद अधिकारियों ने तुरंत बाल कल्याण समिति (CWC) को बुलाया और बच्ची को समिति की देखरेख में सौंप दिया। बाल कल्याण समिति की ओर से अब मामले की आगे जांच की जाएगी। बाल कल्याण समिति अब यह जांच करेगी कि बच्ची के साथ किस परिस्थिति में और कितनी देर तक ऐसा व्यवहार किया गया। साथ ही समिति यह भी देखेगी कि हॉस्टल में मानवाधिकार और सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा है या नहीं।
13 लड़कियां, 3 केयरटेकर
जांच में सामने आया कि हॉस्टल में कुल 13 बच्चियां रह रही हैं, जिनकी देखरेख के लिए केवल 3 केयरटेकर हैं। संचालक ने टीम को बताया कि बच्चों का इलाज सरकारी अस्पताल से नियमित रूप से करवाया जाता है।
यदि लापरवाही या बाल संरक्षण कानून (JJ Act) का उल्लंघन पाया गया, तो हॉस्टल संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
