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पाली धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की बैठक आयोजित अतिरिक्त जिला कलक्टर डॉ बजरंग सिह ने बतायी सभी विभागो ंके कार्या की जिम्मेदारी
पाली 11 नवम्बर /
जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय बजट 2024-25 में की गई घोषणा अनुसार आदिवासी बहुल गांवों में जनजाति कल्याण के लिए एवं आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान“ का प्रारम्भ किया गया है। इस अभियान के अन्तर्गत 25 कार्यक्रम शामिल हैं, जिनका क्रियान्वयन 17 मंत्रालयों द्वारा किया जाना है। प्रत्येक मंत्रालय/विभाग अपने-अपने विभागों को आवंटित निधियों के माध्यम से समयबद्ध तरीके से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन करेगा।
इसे लेकर आज मंगलवार को जिला परिषद सभागार में अतिरिक्त जिला कलक्टर डॉ बजरंग सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुयी बैठक में उन्होंने सभी संबधित विभागों को इसके बारे में कार्या की जिम्मेदारी के बारे में आवश्यक विस्तार से निर्देश दिये।
*जिले के कुल 67 ग्राम शामिल , 15 नवम्बर को कार्यक्रम , जिला स्तरीय कार्यक्रम बाली में आयोजित होगा*
इस अवसर पर जिला परिषद सीईओ मुकेश चौधरी ने योजना के बारे मे चर्चा की और बताया कि ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवम्बर को कार्यक्रम आयोजित होगा और जिला स्तरीय कार्यक्रम जिले का बाली में आयोजित होगा।
अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के लक्ष्यों को अगले 5 वर्षों में प्राप्त किया जाना है। योजनान्तर्गत जिले की 7 पंचायत समितियों जिसमें रोहट (१ ग्राम), पाली (1 ग्राम), खारची (मारवाड़ जंक्शन) (1 ग्राम), देसूरी (1 ग्राम) सुमेरपुर (1 ग्राम), बाली (37) ग्राम) और रानी स्टेशन (25 ग्राम) कुल 67 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आदिवासी बहुल गांवों में जनजाति कल्याण के लिए एवं आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए 79,156 करोड़ रुपये के परिव्यय (केन्द्रीय अंश रु 56,333 करोड़ रुपये और राज्य अंश रू 22.823 करोड़ रुपये) की अनुमति प्रदान की है। बजट भाषण 2024 में की गई घोषणा के अनुसार, इस योजना से लगभग 63,000 गांव के 5 करोड से अधिक जनजातीय व्यक्ति लाभान्वित होंगे। यह योजना 30 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,740 ब्लॉकों में फैले जनजातीय बहुल गांवों में क्रियान्वित की जायेगी। योजना के तहत राज्य के 30 जिलों के 208 ब्लॉक के 6019 ग्रामों को विकसित किया जाना लक्षित किया गया है।
उन्होंने बताया कि 2011 की जनगणना अनुसार, देश में 10.45 करोड़ से अधिक आदिवासी समुदाय हैं. जो दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में निवास करते है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का उद्देश्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक अवसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण सुधार करना है।
*लक्ष्य- सक्षम बुनियादी ढांचे का विकास*
. पात्र परिवारों के लिए पक्के मकानः पात्र एसटी परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत पक्का आवास उपलब्य कराया जायेगा, जिसमें नल का पानी (जल जीवन मिशन) और बिजली आपूर्ति (आरडीएसएस) सुनिश्चित की जायेगी। पात्र एसटी परिवारों को आयुष्मान भारत कार्ड (पीएमजेएवाई) से भी लाभान्वित किया जायेगा।
*लक्ष्य- आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा*
कौशल विकास, उद्यमिता संवर्धन एवं आजीविका अवसरों का उन्नयन (स्वरोजगार) कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान करना (स्किल इंडिया मिशन/15े) तथा यह सुनिश्चित करना कि अनुसूचित जनजाति के बालक/बालिकाओं को प्रति वर्ष 10वीं/ 12वीं कक्षा के बाद दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रम सुलभ हो। इसके अलावा एफआरए पट्टा धारकों हेतु जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (टीएमएमसी) के माध्यम से विपणन सहायता प्रदान करना, ट्राईबल होम स्टे तथा कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन सहायता उपलब्ध कराना।
*लक्ष्य- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच*
शिक्षाः-स्कूल और उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय स्तर तक गुणवत्ता स्तर में वृद्धि (समग्र शिक्षा अभियान) तथा अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ किये जाने हेतु जिला / ब्लॉक स्तर पर विद्यालयों में जनजाति छात्रावासों की स्थापना।
*लक्ष्य- स्वस्थ जीवन और सम्मानजनक वृद्धावस्था*
स्वास्थ्यः ऐसे स्थान जहां उप स्वास्थ्य केन्द्र मैदानी क्षेत्रों में 10 किमी. तथा पहाड़ी क्षेत्रों में 5 किमी. से अधिक दूरी पर स्थित है वहां मोबाईल मेडिकल युनिट (नेशनल हैल्थ मिशन) के माध्यम से अनुसूचित जनजाति व्यक्तियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए आईएमआर, एमएमआर टीकाकरण के राष्ट्रीय मानकों तक पहुंच सुनिश्चित करना। संबंधित विभाग द्वारा अभियान के अंतर्गत जनजाति गांवों को योजना के लिए चिन्हीत किये गये गैप एवं इसकी विशिष्ट आवश्यकताओं को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर मैप किया जाएगा। योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा पीएम गति शक्ति प्लेटफॉर्म के आधार पर की जायेगी व श्रेष्ठ प्रदर्शन वाले जिलों को पुरस्कृत किया जायेगा।
स्थायी आजीविका वन अधिकार पट्टा धारक (एफआरए) इस मिशन का विशेष ध्यान वन क्षेत्रों में रहने वाले 22 लाख एफआरए पट्टा धारकों पर है तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (एमओएएफडब्ल्यू), पशुपालन विभाग, मत्स्य पालन विभाग तथा पंचायती राज मंत्रालय के साथ मिलकर उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।
सरकारी आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों के बुनियादी ढांचे में सुधारः जनजातीय आवासीय विद्यालय और छात्रावास दूरदराज के जनजातीय क्षेत्रों को लक्षित करते हैं और स्थानीय शैक्षिक संसाधनों को विकसित करने एवं नामांकन और छात्रों की संख्या को बरकरार रखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखते हैं।
सिकल सेल रोग के निदान के लिए उन्नत सुविधाएं प्रसव पूर्व निदान पर विशेष जोर देने के साथ सस्ती और सुलभ नैदानिक एवं एससीडी प्रबंधन सुविधाएं प्रदान करने और भविष्य में इस रोग की व्यापकता को कम करने के लिए एम्स और उन राज्यों के प्रमुख संस्थानों में सक्षमता केंद्र (सीओसी) स्थापित किए जाएंगे, जहां सिकल रोग अधिक है और ऐसी प्रक्रियाओं की विशेषज्ञता उपलब्ध है।
*जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र*
जनजातीय उत्पादों के प्रभावी विपणन और विपणन बुनियादी ढांच, जागरूकता, ब्रांडिंग, पैकेजिंग एवं परिवहन सुविधाओं में सुधार के लिए 100 टीएमएमसी स्थापित किए जाएंगे ताकि जनजातीय वर्ग के उत्पादकों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके।
यह अभियान प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) की योजना और सफलता के आधार पर बनाया गया है. जिसे प्रधानमंत्री ने 15 नवंबर, 2023 को जनजातीय गौरव दिवस पर पीवीटीजी आबादी पर ध्यान केंद्रित करते हुए 24,104 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू किया था। बैठक में सभी जुडे विभागो ंको आपसी समन्वय से योजना में कार्य करने व लाभ दिलाने के लिये निर्दैश दिये गये। इस अवसर पर बैठक में सभा संबधित विभागो जिनमें कृषि , पशुपालन , शिक्षा , डेयरी , वन , चिकित्सा , महिला व बाल विकास , राजीविका , आदि सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।