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पाली-14 साल की नाबालितग बेटी से रेप कर उसे गर्भवती करने वाले 47 साल के पिता को कोर्ट ने 20 साल की सजा और 80 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। घटना के बाद पुलिस और सखी सेंटर में दिए अपने बयान से पीड़िता कोर्ट में मुकर गई। इसके बाद पुलिस ने DNA और पीड़िता के गर्भपात की रिपोर्ट पेश की, जिसके आधार पर पोक्सो कोर्ट संख्या एक के विशिष्ठ न्यायाधीश सचिन गुप्ता ने अभियुक्त सुगनाराम जाट को सजा सुनाई।
पाली पोक्सो कोर्ट संख्या एक के विशिष्ठ लोक अभियोजक संदीप नेहरा ने बताया- अगस्त 2023 को 14 साल की एक नाबालिग को पेट दर्द होने पर उसके माता-पिता इलाज के लिए पाली के बांगड़ हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। डॉक्टर ने सोनोग्राफी करवाई तो पता चला कि नाबालिग गर्भवती है। सखी सेंटर में काउंसलिंग और पुलिस को दिए बयान में नाबालिग ने बताया कि उसका परिवार पाली में एक किराए के मकान में रहता है, जिसमें एक ही कमरा है।
एक दिन पिता ने रात के समय उसके साथ गलत काम किया। डर के मारे उसने मां को नहीं बताया। इस पर पिता ने उसके साथ वापस गलत काम किया। उसे पेट में दर्द रहने लगा। हॉस्पिटल में जांच करवाने पर गर्भवती होने का पता चला। पर्चा बयान के आधार पर कोतवाली थाने में 6 अगस्त 2023 को मुकदमा दर्ज किया और आरोपी पिता को गिरफ्तार किया था। जिसे बाद में कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा था। मामले में पोक्सो कोर्ट संख्या एक के जर्ज सचिन गुप्ता ने सुनवाई के बाद आरोपी 47 साल के सुगनाराम जाट को अपनी ही नाबालिग बेटी से रेप कर उसे गर्भवती करने का दोषी मानते हुए 20 साल की सजा और 80 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई।
कोर्ट में मुकरी पीड़िता, पुलिस ने डीएनए और गर्भपाव की रिपोर्ट पेश की
कोर्ट में पीड़िता अपने साथ हुई घटना को लेकर दिए बयान से मुकर गई। ऐसे में तत्कालनी कोतवाल अनिल कुमार ने पीड़िता की डीएनए रिपोर्ट और गर्भपात की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। इस आधार पर कोर्ट ने अभियुक्त को सजा सुनाई।